Lakhisarai: जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वाधान में कवि सम्मेलन संपन्न

Update: 2024-07-01 10:14 GMT
Lakhisarai लखीसराय । जिला मुख्यालय के प्रभात चौक स्थित होटल भारती सभागार में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वाधान में आयोजित कवि गोष्ठी की अध्यक्षता रामबालक सिंह उपाध्यक्ष ने किया। संचालन देवेंद्र सिंह आजाद सचिव ने किया। जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती के द्वारा आगत अतिथियों का स्वागत किया गया।सभी कवियों ने देश और समाज की स्थिति के बारे में अपने-अपने ढंग से वर्णन किया। सामाजिक कुरीतियों को उजागर करने का प्रयास किया। रामबालक सिंह की कविता कैसन भेल जमाना भैया,कैसन भेल जमाना। माउग मर्द एक्के थाली में खाए बैठके खाना। देवेंद्र सिंह आजाद की कविता आओ अब तुम्हें हम अपना गांव दिखाएं, जहां बस्ती देश की आत्मा वहां हम ले जाएं ।भगवान राय राही की कविता धूप में धरती जब खूब तपो है, पानी भी धरती से दूर भागो है।शंभू लाल शर्मा पंकज की कविता ना जैबो काशी और काबा, हम दु गो पेड़वा लगैबो हो बाबा। जीवन पासवान जी की कविता थुक थुक कर चाटना चाट चाट कर थूकना नेताओं की शान बन गई है ।अरविंद कुमार भारती की कविता अपनों हृदय के साफ करो ,छोटका के गलती माफ करो।
बलजीत कुमार की कविता खराब समय में अपना परिवार भी पहचानने से इनकार करता है। शिवदानी सिंह बच्चन की रचना गरम है धरती लागल है आग दुनिया में है भागम भाग ।राजेश्वरी प्रसाद सिंह की रचना हम अपने शहर का स्वभाव बदलने आए हैं, धूप से सहमे जीवन का छांव बदलने आए हैं।प्रोफेसर मनोरंजन कुमार की रचना कठिन डगर पर चल सकते जो सहचर तेरे संग रहे, अब ऐसा ना हो सकता है ना सोच सका क्यों भूल ग‌ए। धनेश्वर पंडित जी की राम आरती को काफी सराहा गया। इसके अलावा राजकुमार की कविता टी 20 हम जीत गए। सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने हिंदी की महत्ता पर विचार प्रकट किया। पेंशनर समाज के सचिव गणेश शंकर सिंह ने आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर नवलकंड पत्रिका के संपादन पर राजेश्वरी प्रसाद सिंह के द्वारा विचार विमर्श किया गया। अरविंद कुमार भारती प्रबंध संपादक नवल कंठ ने बताया कि 15 जुलाई तक सभी अपनी अपनी रचनाएं उपलब्ध करा दें ताकि पत्रिका का संपादन शीघ्र किया जा सके।
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