गौशाला के बारे में तो आपने सुना ही होगा. जहां गायों को रखा जाता है, लेकिन पटना के बिहटा में एक ऐसा गौशाला है. जहां सैकड़ो की संख्या में गाय हैं. हैरानी की बात ये है कि सभी को सुबह शाम रोज भगवान का भजन सुनाया जाता है. जिससे सभी गायें अधिक दूध देती है. रोज गायों की माता की तरह पूजा की जाती है. यहीं नहीं गौमाता को सुबह शाम फल का भोग भी लगाया जाता है. इस गौशाला में मौजूद बैल तेल की निकासी करते हैं. पूरे जिले में ये गौशाला चर्चा का विषय बना हुआ है.
सेवा की भाव से किया जाना चाहिए पालन
विलुप्त होती देसी नस्ल की गाय और उसके बछड़े को बचाने को लेकर इस गौशाला की शुरुआत की गई है. पटना जिले से करीब 20 किलोमीटर दूर विष्णुपुरा गांव में बिनोद सिंह ने गौ पालन सेवा की भाव से इस गौशाला की शुरुआत की है. वे देसी गाय में गिर गाय का पालन कर रहे हैं. उनका कहना है कि गाय पालन को व्यवसाय के तौर पर देखने की जगह सेवा की भाव से उसका पालन किया जाना चाहिए. जिसको देखते हुए ऑक्सीजन गौशाला (Oxygen Gaushala) खोला गया.
सभी को अलग-अलग नाम से जाता है पुकारा
उन्होंने बताया कि इस गौशाला में करीब ढाई सौ के आसपास गिर गाय है. जहां सभी को अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है. वहीं, गायों को चौपाई और भक्ति गाना सुनाया जाता है. गौपालक बिनोद ने बताया कि गाय के दूध को वो बेचते नहीं हैं बल्कि सेवा में इसका इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही वे नंदी की मदद से कोल्हू से तेल निकालने में उपयोग करते हैं.
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इन्हें मिलता है दूध से बना उत्पादन
बिनोद ने बताया कि मेरे गौशाला से गाय दूध से बना सारा उत्पादन और बहनों (बैल ) के द्वारा केलु से निकाला गया तेल सिर्फ वे लोग ही प्राप्त कर सकते हैं. जो इस संस्था के सदस्य हैं और अपना गौशाला में गौ पालन के लिए योगदान किए हैं. इनको एक रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. उसी के तहत इन्हें गौशाला में जो उत्पादन किया जाता है वो दिया जाता है.
भजन सुनने के बाद उठती हैं गौ माता
वहीं, गौशाला में गौ माता की सेवा में लगे सेवकों का कहना है कि गौ माता को सुबह-शाम भजन सुनाई जाती है. गौ माता रोज भजन सुनने के बाद उठती हैं. जो भी लोग इस गौशाला के रास्ते से गुजरते हैं. वह लोग गेट के बाहर खड़े होकर गौ माता को हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं. इस गौशाला में लहसुन प्याज तक वर्जित है.