बिहार में मरीजों के लिए डिजिटल सेवा की सुविधा में होगा विस्तार, इन दो योजनाओं का वित्‍त मंत्री ने किया एलान

केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए प्रावधानों से बिहार में मरीजों के लिए डिजिटल सुविधाओं का विस्तार होगा।

Update: 2022-02-02 05:32 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए प्रावधानों से बिहार में मरीजों के लिए डिजिटल सुविधाओं का विस्तार होगा। केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का मुख्‍य स्‍थान रहा। वित्‍त मंत्री ने दो नई डिजिटल योजनाओं की घोषणा की, जो यह संकेत देता है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी बिहार सहित देशभर में स्‍वास्‍थ्‍य की पहुंच और स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सुविधाओं के विस्‍तार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

केंद्रीय बजट में की गयी घोषणाओं में कोविड-19 महामारी की झलक भी साफ दिखती है। केंद्रीय वित्‍त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में टीकाकरण अभियान की गति और कवरेज से महामारी से लड़ने में काफी मदद मिलने की चर्चा की। बिहार में टेली मेडिसन सेवा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्ष 2021 में ही शुरू की गयी थी।
इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों से मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) एवं जिला अस्पतालों के डॉक्टरों की सलाह व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। डॉयल 104 के माध्यम से भी ऑनलाइन चिकित्सकीय परामर्श की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है।
केंद्र सरकार द्वारा घोषित आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लिए एक खुले परितंत्र के शुभारंभ होने से प्रोद्योगिकी की सुविधा का बिहार में भी विस्तार होगा। इसमें व्‍यापक रूप से स्‍वास्‍थ्‍य प्रदाताओं और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के डिजिटल पंजीयन, विशिष्‍ट स्‍वास्‍थ्‍य पहचान, संयुक्‍त फ्रेमवर्क शामिल होंगे और यह स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं तक सार्वभौ‍मिक पहुंच प्रदान करेगा।
राष्‍ट्रीय टेली मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम
महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं पैदा की है। गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य काउंसलिंग और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के लिए आज 'राष्‍ट्रीय टेली मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम' की घोषणा की गई। इसमें 23 टेली-मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य उत्‍कृष्‍टता केंद्रों का एक नेटवर्क शामिल होगा, जिसमें निमहंस नोडल केंद्र के रूप में कार्य करेगा। अंतरराष्‍ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्‍थान, बेंगलुरू (आईआईआईटीबी) इसके लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसकी शुरुआत होने से बिहार में भी कोविड 19 से पीड़ित या उसके कारण मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं झेल रहे लोगों को चिकित्सकीय सलाह लेने में सुविधा होगी।
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