अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज के सैकड़ों मामले लंबित

Update: 2023-07-22 03:52 GMT

रोहतास न्यूज़: दाखिल खारिज, भूमि संबंधी व अन्य प्रमाण पत्रों के निर्गत करने में संतोषजनक कार्रवाई नहीं होने के कराण सरकार द्वारा सेवा अधिकार अधिनियम को पारित किया गया.

इसके तहत ऑनलाइन व्यवस्था कर आरटीपीएस के दायरे में लाया गया. भूमि संबंधी मामलों के निष्पादन की निश्चित तिथि भी निर्धारित की गई. लेकिन उक्त अधिनियम के बाद भी अधिकारी और कर्मियों द्वारा कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है. स्थिति यह है कि वर्षों से आरटीपीएस में जमा किए गए विभिन्न मामलों को लेकर आवेदक कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.

किसानों ने बताया कि वर्ष 2017 में खतियान और रजिस्टर 2 ऑनलाइन करने के दौरान अधिकारियों व कर्मियों ने लापरवाही से उनकी भूमि में गलत नाम, खाता, प्लॉट और रकबा अंकित किया. यही नहीं रजिस्टर टू में भूमि का पूर्ण विवरण छोड़ दिया गया. जब किसान ऑनलाइन मालगुजारी रसीद कटाने गए तो उन्होंने गलत नाम और विवरण देखकर इसकी शिकायत की. अंचल कार्यालय के कर्मियों द्वारा उनसे कहा गया कि भूमि संबंधी हुई गड़बड़ी के लिए परिमार्जन, पुनर्गठन का आवेदन जमा करें. तभी सुधार किया जाएगा. लेकिन किसान विगत पांच वर्षों से भूमि सुधार के लिए कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन उनके कागजातों में कोई सुधार नहीं किया गया.

मालगुजारी रसीद के अभाव में बैंकों में केसीसी लोन का रिन्युअल नहीं हो सका

मालगुजारी रसीद के अभाव में विभिन्न बैंकों में केसीसी लोन का रिन्युअल नहीं हो सका. यही नहीं बल्कि उक्त कागजात के बिना उनके कई कार्य बाधित हैं. किसानों ने बताया कि खतियान में उनका नाम दर्ज है.

लेकिन रजिस्टर टू में उनका नाम ही छोड़ दिया गया है. पूछने पर बताया जाता है कि रजिस्टर 2 क्षतिग्रस्त जाने की वजह से ऑनलाइन नहीं हो सका. अधिकारियों द्वारा कहा जाता है कि आप लोगों ने काफी विलंब कर दिया. अब इसका निष्पादन डीसीएलआर करेंगे. आप सासाराम जाकर सुधार कराइए. इस परिस्थिति में फंसे किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें. कई किसानों ने बताया कि उन्होंने जमीन रजिस्ट्री कराई है, इसके बावजूद भी उनका आवेदन पत्र यह कह कर खारिज किया गया कि रजिस्टर टू में नाम दर्ज नहीं है. अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी का आलम यह है कि उनके द्वारा निर्धारित राशि देने पर यह कार्य कोई मुश्किल नहीं है. प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को जाति, आय, निवास, ओबीसी संबंधी प्रमाण पत्र समय से निर्गत नहीं होते.

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