जमीन ट्रांसफर को लेकर 'हिचक'? जानें दरभंगा AIIMS में क्या है देरी की वजह
दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने अब तक दो सौ एकड़ जमीन नहीं सौंपी है। य
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने अब तक दो सौ एकड़ जमीन नहीं सौंपी है। यह जानकारी केंद्रीय स्वाज्ञस्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने चार फरवरी को सांसद गोपाल जी ठाकुर के संसद में पूछे सवाल के जवाब में दी।
सांसद गोपाली जी ठाकुरने एम्स के शिलान्यास और निर्माण शुरू किए जाने के बारे में जानकारी मांगी थी। नरेन्द्र मोदी सरकार ने बिहार में एक नए एम्स की स्थापना का ऐलान 2015 में किया था। तबसे सात साल गुजर जाने के बाद भी दरभंगा में राज्य के दूसरे एम्स के निर्माण का वादा पूरा नहीं हो सका। वो भी तब जब करीब 17 महीने पहले 15 सितम्बर 2020 को केंद्रीय मंत्री ने 750 बेड के एम्स के निर्माण के लिए 1264 करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृति दे दी थी। दरभंगा में एम्स के निर्माण के लिए 48 महीने की डेडलाइन दी गई थी। इस बीच बिहार के जल संसाधन, सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री संजय कुमार झा ने रविवार को दरभंगा में आईएमए की स्थानीय इकाई और डीएमसीएच एल्मुनियाई एसोसिएशन द्वारा आयोजित 'डीएमसीएच बचाओ, एम्स बनाओ' कार्यक्रम में कहा कि एमएमसीच कैंपस में एम्स बनाने का विचार सीएम नीतीश कुमार का था। हालांकि डीएमसीएच के हितों और इसकी विशिष्ट विरासत को संरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एम्स प्रोजेक्ट को दो सौ एकड़ जमीन ट्रांसफर करने के प्रदेश कैबिनेट के निर्णय को वापस लेने के लिए प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। सीएम नीतीश कुमार ने पिछले साल दिसम्बर में ऐलान किया था कि दरभंगा एम्स के लिए अब केवल 150 एकड़ जमीन दी जाएगी। इसके साथ ही 77 एकड़ जमीन डीएमसीएच को दी जाएगी जिसका 227 एकड़ जमीन पर कब्जा था।