रोहतास न्यूज़:अनुमंडल के तिलौथू प्रखंड क्षेत्र में कैमूर पहाड़ी स्थित इको पर्यटन स्थल तुतला भवानी में हर्बल पार्क बनकर तैयार हो गया है. अपने कंसेप्ट और डिजाइन में अनूठे इस पार्क के कारण यहां पर्यटन को और बढ़ावा मिलने लगा है. जबकि भविष्य में रोजगार व प्राकृतिक चिकित्सा का भी मार्ग प्रशस्त होगा. वन विभाग द्वारा तैयार किए गए हर्बल पार्क में औषधीय पौधों की सुगंध महसूस की जा सकती है. पार्क के निर्माण पर वन विभाग लगभग 52.17 लाख रुपये खर्च किये गये हैं. लगभग दो साल से चल रहे कार्य के बाद हर्बल पार्क ने अब अपना स्वरूप ग्रहण कर लिया है. हाल ही में पर्यटन विभाग द्वारा तुतला धाम को विभाग के मैप में शामिल करने के बाद यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने लगा है. डीएफओ मनीष कुमार वर्मा बताते हैं कि इको पर्यटक स्थल तुतला भवानी धाम में हर्बल पार्क का काम पूरा हो गया है. अभी औषधीय पौधें पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं. इसलिए अभी पार्क को पर्यटकों के लिए शुरू नहीं किया गया है. जैसे औषधीय पौधे अपना स्वरूप ग्रहण कर लेंगे, पार्क को पर्यटकों के लिए भी खोल दिया जाएगा.
स्वास्तिक का डिजायन पार्क को देता है अनोखा रूप तुतला भवानी का हर्बल पार्क चैकोर है. इसके मध्य में स्वास्तिक के आकार में पौधे लगाए गए हैं. फिर स्वास्तिक के चारो तरफ निर्धारित डिजाइन में पौधे लगाए गए हैं. पार्क की देख-रेख करने वाले कर्मी बताते हैं कि यहां 44 प्रकार के पौधे लगाए गए हैं.
सभी पौधे औषधीय गुणों से भरपूर हैं. ये पौधे पर्यावरण व मानव शरीर के लिए फायदेमंद है.
लगाए गए औषधीय पौधे
जिन औषधीय पौधों को तुतला धाम के हर्बल पार्क में लगाए गए हैं, उनमें आंवला, हर्रे-बहेड़े, अमलताश, आंवला, नीम, सहजन, अर्जुन, मेथी, लेमन बाम, अजमोद, मिंट, रोजमेरी समेत 44 प्रकार के औषधीय पौधे शामिल हैं.
डीएफओ का कहना है कि औषधीय पार्क से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. वहीं बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया होगा. औषधीय पार्क में सुगंधित हर्ब गार्डन, स्पाइस हर्ब, किचन हर्ब, कास्मेटिक हर्ब, जड़ी बूटी तेल इकाई, जड़ी बूटी संरक्षण इकाई, जैविक उर्वरक उत्पादन इकाई समेत अन्य सुविधाएं हर्बल पार्क में उपलब्ध कराई जाएगी. भविष्य में हर्बल पार्क के लिए आयुष चिकित्सक की तैनाती भी की जाएगी. वे औषधीय पौधों की गुणवत्ता व इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे. औषधीय पौधों से इलाज के लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा.