वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की जंगल में आमदखोर बाघ के हमले से किसान की मौत
बिहार के पश्चिमी चंपारण से दर्दनाक घटना की खबर है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन प्रमंडल दो के हरनाटांड़ जंगल में बाघ ने एक किसान को अपना निवाला बना लिया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के पश्चिमी चंपारण से दर्दनाक घटना की खबर है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन प्रमंडल दो के हरनाटांड़ जंगल में बाघ ने एक किसान को अपना निवाला बना लिया। उनका उसका मांस खाया हुआ शव शुक्रवार को वनक्षेत्र के कक्ष संख्या के-2 के बैरिया कला के जंगल में मिला। किसान मवेशी चराने गए जंगल की और गए थे। किसान की पहचान धर्मराज महतो (60 साल) के रूप में हुई है। मृतक एक दिन पहले से लापता थे।
ग्रामीणों ने शुक्रवार को जंगल में शव देखा तो इसकी सूचना वन विभाग को दी। इसपर हरनाटांड़ वनक्षेत्र के अधिकारियों के नेतृत्व मे टीम घटनास्थल पर पहुंची। वन विभाग की टीम शव को कब्जे मे लेकर घटना की जांच में जुटी है।
इधर, घटनास्थल पर पहुंची वन विभाग की टीम को ग्रामीणों ने घेर लिया। ग्रामीण बाघ के हमले में मारे गए किसान के परिजनों को न्याय देने की मांग कर रहे थे। बाघ द्वारा किसान को मार कर खा जाने की घटना से सभी आक्रोशित थे।
इस संबंध में वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणी के ने बताया कि हरनाटांड़ वनक्षेत्र के बैरिया कला जंगल में किसान का शव मिलने कि सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि किसान एक दिन पहले से लापता था। परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। इसी बीच उसका शव बैरिया काला के जंगल में मिला। शव को किसी जानवर ने पूरी तरह से खा लिया है। सिर्फ पैर ही मिला है।
उन्होंने कहा कि विभागीय जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह हमला बाघ ने किया है या किसी अन्य हिंसक जंगली जानवर ने किया है। फिलहाल घटनास्थल पर पहुंचे ग्रामीण बाघ के हमले में किसान की मौत की बात कह रहे हैं। इसको नाकारा नहीं जा सकता है। बाघ भी हमला कर सकता है। वन विभाग इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई कर रहा है।