70 लाख में बंदोबस्ती, फिर भी स्टैंड में सुविधाएं नदारद

Update: 2023-04-26 07:42 GMT

रोहतास न्यूज़: गर्मी के बीच बस यात्री पीने के पानी के लिए परेशान हैं. पानी के चक्कर में बस यात्री इधर-उधर पानी की तालाश के लिए चक्कर काट रहे हैं. अंतर्राज्यीय बस स्टैंड में पानी की व्यवस्था नही होने के कारण बस यात्री प्यासे ही सफर करने पर मजबूर हैं. वहीं, सामर्थ्यवान लोग बोतलबंद पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझा लेते हैं. लेकिन, जिनके पास पैसे नहीं हैं, वे चिलचिलाती धूप में प्यासे रहने पर ही मजबूर होते हैं. खासकर दोपहर के समय जब गर्मी की तपिश परवान पर रहती है. ऐसे में तो बस यात्रियों के सामने काफी समस्या हो जाती है. बस यात्रियों के साथ सफर करने वाले छोटे-छोटे मासूम बच्चे पानी के बिना बिलबिलाते रहते हैं.

अंतर्राज्यीय बस स्टैंड होने के कारण प्रत्येक दिन यहां से सैकड़ों बसों का आवागमन होता है. लोकल बसों के अलावे विभिन्न प्रदेशों से हजारों लोगों का आगमन व प्रस्थान होता है. लेकिन, नगर निगम की तरफ से उक्त बस स्टैंड में पीने की पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हालांकि नौ स्थानों पर प्याऊ लगाने की बात की जा रही है. जिसमें पुराना बस स्टैंड का नाम भी शामिल है. लेकिन, वर्तमान समय तक पानी की समस्या का समाधान कराने में नगर निगम विफल रही है. 70 लाख 51 हजार रुपए में बस स्टैंड की बंदोबस्ती भी हो गई. लेकिन, यात्री पानी के लिए तरस रहे हैं. दोपहर तकरीबन एक बजे अपने परिवार के साथ बस पकड़ने आए रजनीकांत सिंह ने बताया कि उन्हें आरा जाना है. परिवार के साथ आया हूं. पानी की व्यवस्था नहीं है. पानी के लिए भटक रहे हैं. पैसे के अभाव के कारण बोतल बंद पानी खरीद नहीं सकते हैं. डेढ़ साल का बच्चा है. प्यास से रो रहा है. वहीं कलावती देवी गौरक्षणी की रहने वाली हैं. उन्हें औरंगाबाद जाना है. बताया कि घर से पानी लेकर वह आई थीं. लेकिन, गर्मी के कारण पानी खत्म हो गया. बस में सफर करके औरंगाबाद जाना है. पानी नहीं मिल रही है. यही हाल तकरीबत उन सभी यात्रियों की थी. जो पैसे के अभाव में बोतल बंद पानी खरीदने में असमर्थ थे. दो माह पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त, मेयर प्रतिनिधि के साथ वार्ड पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल ने उक्त बस स्टैंड का जायजा लिया था. पानी की व्यवस्था के साथ यात्री सुविधा में बढ़ोतरी की बात कही गई थी. जिसके बाद लोगों को उम्मीदें जगी थी. लेकिन, दो माह बाद भी हालात जस के तस बने हैं. पानी की व्यवस्था तो दूर की बात है. यात्री सुविधाओं का भी घोर अभाव है. शौचालय से लेकर रौशनी तक की व्यवस्था बेहतर नहीं हो पाई है.

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