डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर होने से बिहार के बच्चों को अमेरिका में पढ़ाना हुआ महंगा, सस्ती हुई जापान-ब्रिटेन में पढ़ाई

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के कमजोर होने से अमेरिका में पढ़ने वाले बिहार के छात्रों पर असर पड़ रहा है।

Update: 2022-07-22 04:48 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के कमजोर होने से अमेरिका में पढ़ने वाले बिहार के छात्रों पर असर पड़ रहा है। बिहार में जिन पैरेंट्स के बच्चे अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, उनका बजट बढ़ गया है। उन्हें अब पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा भेजना पड़ रहा है। हालांकि, ब्रिटिश यूरो, जापानी येन और रूसी रूबल के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत हुआ है। ऐसे में यूरोपीय देशों, रूस और जापान में पढ़ने वाले बच्चों के पैरेंट्स को थोड़ी राहत मिली है।

2022 में अब तक रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले लगभग 7 प्रतिशत से ज्यादा कम हो गई। अभी एक डॉलर का दाम करीब 80 रुपये के बराबर पहुंच गया है। इससे भारतीय पैरेंट्स को अपने बच्चों को अमेरिका में पढ़ाने के लिए ज्यादा रुपया खर्च करना पड़ रहा है। पैरेंट्स हर महीने अपने बच्चों को अमेरिका में राशि भेजते हैं।
किर्गिस्तान में एमबीबीएस कर रहे छात्रों को झटका
दूसरी ओर, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद किर्गिस्तान की मुद्रा कमजोर हो गई थी, जिससे वहां पढ़ने वाले छात्रों को फायदा हुआ था। मगर बाद में किर्गिस्तान की मुद्रा मजबूत हो गई। किर्गिस्तान में एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र समित कुमार ने बताया कि रुपये में गिरावट और किर्गिस्तान की मुद्रा सोम के मजबूत होने से उनके परिजनों पर लगभग छह हजार रुपये प्रतिमाह का बोझ बढ़ गया है। अभी किर्गिस्तान में 100 डॉलर को दूसरी मुद्रा में बदलने में 5 डॉलर अतिरिक्त देना पड़ता है।
ब्रिटेन-जापान में पढ़ने वाले छात्रों को फायदा
ब्रिटेन समेत यूरोप के कुछ देशों में पढ़ने वाले छात्रों को फायदा हुआ है। उनके अभिभावकों को अब पहले की तुलना में कम पैसा भेजना पड़ रहा है। इंग्लैंड के लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी में एमबीए करने वाली अनुप्रिया कहती हैं कि यूरो के ज्यादा टूटने से उन्हें फीस में लगभग 45 हजार रुपये की बचत हुई है।
बता दें कि यूरो के मुकाबले रुपया 3 फीसदी ज्यादा मजबूत हुआ है। ब्रिटेन के पाउंड के मुकाबले रुपया 4.5 तो जापान के येन के मुकाबले 11 अंक मजबूत हुआ है। इससे यूरोप, जापान में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को फायदा हुआ है।
वित्तीय जानकार अनूप कुमार कहते हैं कि कई देशों के साथ रुपये के सीधे बदलाव से बिहारी छात्रों को फायदा हो रहा है। रूस सहित कई देशों में अब रुपये से सीधे रूबल या अन्य मुद्रा में बदलाव हो रहा है। इससे डॉलर पर भारत के छात्रों की निर्भरता कम हुई है।
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