आपदा प्रबंधन ने मार्च में ही मई जैसी गर्मी पड़ने का अलर्ट जारी किया, विभागों में बांटी जिम्‍मेदारी

मार्च में ही मई की तपिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों को अलर्ट किया है। साथ ही सभी विभागों को कहा है कि वे अपने-अपने स्तर से संभावित भीषण गर्मी और लू से निपटने की तैयारी कर लें।

Update: 2022-03-23 02:03 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मार्च में ही मई की तपिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों को अलर्ट किया है। साथ ही सभी विभागों को कहा है कि वे अपने-अपने स्तर से संभावित भीषण गर्मी और लू से निपटने की तैयारी कर लें। खासकर पेयजल संकट से निपटने के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है।

आपदा प्रबंधन सचिव संजय कुमार अग्रवाल द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि ग्रीष्मकालीन मौसम शुरू हो चुका है। राज्य में गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी के साथ लू चलती है। इससे जनजीवन प्रभावित होता है। विशेषकर छोटे बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ ही काम के लिए घर से बाहर जाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को अधिक समस्या होती है। पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है। इसलिए लू की पूर्व चेतावनी आम जनता को समाचार माध्यमों से दी जाए। लू के मौसम में लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की सूचना दी जाए। अग्निशमन निदेशालय को कहा गया है कि गर्मी में अगलगी की घटना में वृद्धि हो सकती है, इसलिए मानक संचालन प्रणाली के अनुसार काम हो और दमकल के इंतजाम कर लिए जाएं। विभाग ने सभी डीएम से कहा है कि जिलास्तर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करें।
हीट वेब एक्शन प्लान के तहत संबंधित कार्यालय व निकायों को लू से बचाव (सनस्ट्रोक) के लिए निर्देश जारी करें। लू-जनित बीमारियों व उनकी गंभीरता से लोगों को अवगत कराएं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी स्वास्थ्य मानकों का भी ध्यान रखा जाए।
इन विभागों को मिला टास्क
● नगर विकास : शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक प्याऊ की व्यवस्था करने व आश्रय स्थलों में पेयजल व स्लम के लोगों के लिए आवश्यक दवाओं की उपलब्धता।
● स्वास्थ्य : सभी अस्पतालों में लू से प्रभावितों के इलाज की व्यवस्था व स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस पैकेट, जीवन रक्षक दवा, आइसोलेशन वार्ड व गंभीर रूप से बीमार लोगों को विशेष इंतजाम व चलंत चिकित्सा दल की व्यवस्था
● पीएचईडी : खराब चापाकलों को युद्धस्तर पर मरम्मत करने, पेयजल संकट वाले इलाकों में टैंकरों की व्यवस्था करने, भू-गर्भ जलस्तर की निगरानी करने
● शिक्षा विभाग : विद्यालयों को सुबह की पाली में संचालित करने लू चलने पर गर्मी की छुट्टी समय से पहले करने व स्कूलों में ओआरएस की व्यवस्था करने
● समाज कल्याण : आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल की व्यवस्था करने, नवजात शिशु, बच्चों व महिलाओं के लिए विशेष चिकित्सा व्यवस्था करने
● पशुपालन : सरकारी ट्यूबवेल या अन्य स्थानों पर गड्ढा खोदकर पशुओं के लिए पानी का इंतजाम, पशुओं के लिए चिकित्सा दल बनाने को कहा गया है
● ग्रामीण विकास : मनरेगा अंतर्गत तालाब, आहर, पईन आदि की खुदाई में तेजी लाने, लू चलने पर कार्य अवधि सुबह छह से 11 बजे व शाम में साढ़े तीन से साढ़े छह बजे तक करने, लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था
● पंचायती राज : लू के दौरान क्या करें, क्या न करें, इसका प्रचार-करें। गांवों में पेयजल की व्यवस्था
● श्रम संसाधन: मजदूरों की कार्यवधि में बदलाव, कार्यस्थल पर पेयजल, औद्योगिक मजदूरों के बीच जागरूकता कैम्प लगाने
● परिवहन : वाहनों का परिचालन कम होगा। दिन के 11 से साढ़े तीन बजे तक वाहनों को नियंत्रित
● ऊर्जा : बिजली के ढीले तारों को दुरुस्त करने, निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी
● पर्यावरण : वन्य जीव उद्यानों में जानवरों के पिंजरे को ठंडा रखने का इंतजाम होगा, पर्यटन स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था होगी
● सूचना एवं जनसम्पर्क : लू से बचाव के उपाय से संबंधित विज्ञापन का प्रचार-प्रसार सार्वजनिक माध्यमों से किया जाएगा
● सूचना प्रावैद्यिकी : लू से बचाव के लिए राज्य व जिलास्तर पर डैशबोर्ड बनेगा और एसएमएस भेजने की व्यवस्था की जाएगी
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