अगले वर्ष दिसंबर से गंगा में नहीं गिरेगा नालों का गंदा पानी

Update: 2023-08-16 10:15 GMT

पटना: नमामि गंगे योजना के तहत पूरे पटना क्षेत्र में मौजूद सभी घरों से निकलने वाले गंदे या उपयोग किए पानी को सीधे गंगा में गिरने से बचाने के लिए एसटीपी का निर्माण कराया जा रहा है. शहर के सभी वार्ड और आसपास के क्षेत्र की सीवेज लाइन को एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) से जोड़ा जा रहा है.

पटना के दो प्रमुख स्थानों पर दीघा और कंकड़बाग के एसटीपी का निर्माण कार्य अब तक ठीक से शुरू नहीं हुआ है. इन दोनों स्थानों पर जमीन के अधिग्रहण में काफी समय लगने की वजह से ये परियोजनाएं निर्धारित समय से करीब दो वर्ष देर हो गईं. अब जमीन अधिग्रहण की समस्या समाप्त होने के बाद इनके निर्माण शुरू करने से संबंधित औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. निर्माण वर्ष 2024 दिसंबर तक पूरा होने की संभावना है. इनके पूरा होने के बाद यानी अगले वर्ष दिसंबर से गंगा में गंदा पानी नहीं गिरेगा.

दीघा एसटीपी की क्षमता 100 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) और कंकड़बाग की क्षमता 50 एमएलडी है. शहर के बड़े और प्रमुख नाले मसलन मंदिरी, राजापुर, कुर्जी समेत अन्य दीघा एसटीपी से जुड़ जाएंगे. इसी तरह कंकड़बाग से सैदपुर समेत अन्य नालों को जोड़ दिया जाएगा.

इस तरह इन दोनों के शुरू होने से शहर के तकरीबन सभी बड़े नालों का पानी साफ होने के बाद ही गंगा में गिरेगा. पटना और आसपास क्षेत्र को मिलाकर सात एसटीपी बनने हैं, जिनमें दो को छोड़कर अन्य तैयार हैं. इनमें कुछ चालू भी हो गए हैं. सभी के चालू होने के बाद दिसंबर 2024 के बाद से गंगा में शहर का कोई गंदा पानी नहीं गिरेगा. इस मामले में बुडको एमडी धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि आगामी दिसंबर तक दीघा और कंकड़बाग एसटीपी चालू हो जाएंगे.

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