Patna: फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पर नियुक्त हुए प्राध्यापकों की जाएगी नौकरी
"विवि सेवा आयोग ने कार्रवाई शुरू की"
पटना: राज्य के विश्वविद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए व्याख्याताओं की नियुक्ति के मामले सामने आए हैं. तय समय सीमा के बाद पीएचडी का प्रमाण पत्र देने के मामले में सहायक प्राध्यापक पर कार्रवाई के बाद ताजा मामला फर्जी अनुभव और दिव्यांगता प्रमाण पत्र देकर नौकरी लेने का प्रकाश में आया है. कई विषयों के अभ्यर्थियों ने शैक्षणिक अनुभव का गलत प्रमाण-पत्र देकर नौकरी प्राप्त कर ली. मामला पकड़ में आने के बाद इनकी नौकरी जानी तय है. इस बाबत विवि सेवा आयोग ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
बता दें कि आयोग ने सभी विवि को पत्र लिख कहा था कि वर्ष 2020 के विज्ञापन के आधार पर नियुक्त सहायक प्राध्यापकों की सेवा संपुष्टि से पहले उनके प्रमाण पत्रों की जांच करें. जांच के उपरांत बीएन मंडल विवि, मधेपुरा से चार सहायक प्राध्यापक का प्रमाण पत्र फर्जी फाया गया. इनमें तीन भौतिकी विषय के हैं.
नाम, सुधांशु कुमार झा, विषय भौतिकी, यूनिक आईडी नंबर phy0061664 इवनिंग कॉलेज सहरसा द्वारा सुधांशु को 25 सितंबर 1995 से 17 अक्टूबर 2020 तक की अवधि का अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया गया. जबकि इनकी नियुक्ति की अवधि में महाविद्यालय को विज्ञान संकाय में संबंधन प्राप्त ही नहीं थी. स्थल निरीक्षण के क्रम में निर्गत अनुभव प्रमाण पत्र पर समिति को संतोषजनक तथ्यात्मक विवरणी उपस्थित नहीं करायी गई.
नाम, मलय कुमार, विषय भूगोल, यूनिक आईडी नंबर geo0066683 यूकेवी कॉलेज, करमा आलमनगर के प्राचार्य से प्राप्त पत्र एवं समिति के स्थल निरीक्षण के आधार पर पाया गया कि मलय कुमार को महाविद्यालय द्वारा कोई अनुभव प्रमाण-पत्र निर्गत नहीं किया गया. अत: यह अनुभव प्रमाण-पत्र फर्जी है.
नाम, अरविंद कुमार, विषय भौतिकी यूनिक आईडी नंबर phy0080684 सीएम साइंस कॉलेज मधेपुरा द्वारा भू. ना. मंडल विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के बाद 28 जून 2021 में अधिसूचित शिक्षकों की सूची में अरविंद कुमार, भौतिकी विषय में कार्यरत नहीं है और नहीं पूर्व में कभी कार्यरत रहे हैं. समिति ने जांच में पाया की संबंधित अभ्यर्थी अरविंद कुमार द्वार संलग्न अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी है.
नाम, प्रेमशंकर कुमार, भौतिकी यूनिक आईडी नंबर phy0058701 आर्दश महाविद्यालय जीवछपुर मधेपुरा के प्राचार्य से प्राप्त पत्र एवं समिति के स्थल निरीक्षण के आधार पर पाया गया कि प्रेम शंकर कुमार को महाविद्यालय द्वारा कोई भी अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया. अत: संलग्न अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी है.