मुजफ्फरपुर न्यूज़: कोलकाता, हरियाणा तक के बेसहारा बुजुर्गों को मुजफ्फरपुर ने आसरा दिया है. मिठनपुरा स्थित वृंदावरण सेवा संस्थान की वृद्धाश्रम में दो महिलाएं समेत 10 वृद्धजन रह रहे हैं. इनमें से अधिकतर बेटे-बहुओं के सताए हुए लोग हैं. शहर-शहर भटकते हुए ये वृद्ध व्यवसायी सुनील कुमार ठाकुर और आनंद भूषण मिश्रा के संपर्क में आए. इसके बाद इन लोगों को वृंदावरण के वृद्धाश्रम में जगह मिली है. ये लोग अब खुशी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
इनमें कोलकाता के 90 वर्षीय वृद्ध एक साल से और हरियाणा के 95 वर्षीय बुजुर्ग पांच साल से यहां रह रहे हैं. रोटरी क्लब की मदद और वृंदावरण सेवा संस्थान के सहयोग से वृद्धाश्रम शहर के व्यवसायी आनंद और सकरा के सुनील चला रहे हैं.
ट्रक चालक दोस्त की मदद से पहुंचा वृद्धाश्रम
पटना के 73 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया कि बेटे-बहू ने घर से निकाल दिया. मेरी आर्थिक स्थिति खराब थी. तभी एक ट्रक चालक ने उन्हें वृद्धाश्रम मुजफ्फरपुर का पता बताया. यहां पांच वर्ष से रह रहे हैं. वहीं, मुजफ्फरपुर के 67 वर्षीय एक बुजुर्ग ने बताया कि वह दुकान में काम करते थे. वहां से निकाल दिए जाने के बाद 15 माह से यहां रह रहे हैं.
बेसहारा हुआ तो दोस्त ने दिया वृद्धाश्रम का ठिकाना
हरियाणा निवासी 95 वर्षीय वृद्ध ने बताया कि वह हरियाणा में कोयला का कारोबार करते थे. उन्हें सिर्फ एक बेटी है, जिसकी शादी कर दी. उसके बाद उम्र बढ़ने पर कारोबार छोड़ दिया. बेटी के घर का पानी नहीं पी सकते हैं. बेसहारा होने पर मुजफ्फरपुर के मड़वन के एक मेरे मुस्लिम दोस्त ने मुझे अपने घर बुला लिया. वृद्धाश्रम की जानकारी मिली. वह पांच वर्षों से वृद्धाश्रम में रह रहे हैं.
● परिवार का साथ नहीं मिला तो दूसरे प्रदेशों से आकर रह रहे वृद्धाश्रम में
बहू के आते ही एक माह के भीतर कर दिया बेघर
कोलकाता निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने जमशेदपुर में 40 वर्ष तक एक कंपनी में नौकरी की. कोलकाता में मकान बनाया, एक बेटा और एक बेटी है. दोनों अच्छी तालीम दी. बेटी की शादी के बाद बेटे ने प्रेम विवाह किया और एक महीना में ही हमको अलग कर दिया. इसके बाद वे भटकते रहते थे. कुछ समय बाद बेटे की लीवर कैंसर से मौत हो गई. इसके कुछ दिनों बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. जमशेदपुर में ही कंपनी की एक महिला अधिकारी ने मुजफ्फरपुर वृद्धाश्रम में जगह दिलाई. वह यहां एक वर्ष से रह रहे हैं.
पति की मौत के बाद बेटे करते थे मारपीट वृद्धाश्रम में रह रही एक वृद्ध महिला ने बताया कि उसके पति का 11 वर्ष पूर्व निधन हो गया. इसके बाद बेटे हमेशा मारपीट करते थे. इसकी जानकारी होने के बाद बेटी तीन माह पूर्व वृद्धाश्रम छोड़ गई. मुजफ्फरपुर निवासी दूसरी महिला ने बताया कि उसके पति का निधन 20 वर्ष पूर्व हो गया था. परिवार के लोग उसके साथ मारपीट करते थे. तीन माह पूर्व महिला पुलिस उसे वृद्धाश्रम पहुंचाया.
मुजफ्फरपुर के एक गांव के एक 55 वर्षीय वृद्ध ने बताया कि वह दो भाई है. उसके पिता कुछ जमीन बेच रहे थे और कुछ उसके छोटे भाई की पत्नी के नाम लिख रहे थे. उन्होंने इसका विरोध किया तो वे उलझ गए. विरोध के बाद पिता ने सहयोग करना बंद कर दिया तो उन्होंने घर छोड़ दिया. एक माह से वह वृद्धाश्रम में रह रहे हैं.
पिता से विवाद के बाद छोड़ दिया घर
शरीर ने साथ छोड़ा तो आ गए वृद्धाश्रम
पटना के 69 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया वह अनाथ हैं. दूसरे के घरों में काम कर जीवन यापन करते थे. शरीर ने साथ छोड़ दिया तो वह वृद्धाश्रम में आए गए. 19 माह से यहां रह रहा है. वहीं, मुजफ्फरपुर के 72 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया कि वह भी बच्चे से अनाथ है. सुबह में अखबार बेच कर जीवन यापन कर रहे थे. अब वह यहीं रह रहे हैं. जमशेदपुर निवासी 68 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया कि वह प्राइवेट नौकरी कर जीवन यापन करते थे. उसकी मां की मौत बच्चे में हो गई थी. बहन की शादी के बाद उसकी स्थिति खराब हो गई. चार वर्ष से वह वृद्धाश्रम में रह रहे हैं.