धान की हाइब्रिड में बैक्टीरियल बीमारियों पर पाया नियंत्रण

राजेन्द्र कृषि विवि पूसा से आई वैज्ञानिकों की टीम ने किया निरीक्षण

Update: 2023-10-10 08:46 GMT

पटना: राजेन्द्र कृषि केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा से आई कृषि वैज्ञानिकों की उच्चस्तरीय टीम ने प्रक्षेत्र भ्रमण किया. इस दौरान उच्चस्तरीय टीम ने जलवायु के अनुकूल खेती कार्यक्रम के तहत लगाए गए धान की हाइब्रिड प्रजाति के फसलों में फैल रहे बैक्टीरियल बीमारियों के प्रकोप को देखा.

सीवान जिले के चयनित गांव भोपतपुर भरथिया, सैदपुरा, कलाडुमरा, सिकटियां एवं रामगढ़ा में खरीफ ऋतु में विभिन्न तकनीकियों के प्रदर्शन के तहत धान, मक्का एवं अरहर की फसलों को कृषक प्रक्षेत्र पर लगाया गया है. इस उच्चस्तरीय टीम के सदस्यों ने सीवान जिले के लकड़ी नबीगंज प्रखंड के भोपतपुर भरथिया पंचायत में विजिट किया तथा प्रभावित फसलों के प्रक्षेत्र को देखा. इसमें पाया गया कि निर्धारित की गई दवाओं के छिड़काव के बाद फसलों में लगी बीमारियां नियंत्रित हो गई हैं.

पेनिकल ब्लाइट या ग्लूम ब्लाइट नामक बीमारी बहुत तेजी से फैल रहीधान की हाईब्रिड प्रजाति में पेनिकल ब्लाइट या ग्लूम ब्लाइट नामक बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है. यह बीमारी बैक्टीरिया द्वारा फैलती है. यह धान में बाली निकलते समय वर्षा होने पर अधिक फैलती है.

इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्र की टीम ने अलग-अलग प्रक्षेत्रों से हाईब्रिड धान की फसलों से सैम्पल एकत्र कर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के लैब में भेजा गया था. इसकी जांच में इस बीमारी की पुष्टि की गई.

इस बीमारी में बाली में भूरे रंग का धब्बा दिखाई देता है. इस बीमारी की पुष्टि होने पर केन्द्र के द्वारा किसानों को प्रभावित फसल पर कॉपरऑक्सी क्लोराइड 2 ग्राम प्रति लीटर पानी और साथ में स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 0.1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से फसलों पर छिड़काव करने की सलाह दी गई थी. धान की हाइब्रिड फसलों पर दवाओं के छिड़काव के बाद पूसा विश्वविद्यालय के डॉ. रत्नेश कुमार झा परियोजना निदेश सीआरए प्रोग्राम, डॉ. मो. अब्बास अहमद कीट वैज्ञानिक, डॉ. सी एच चौधरी वैज्ञानिक की एक उच्च स्तरीय टीम ने विजिट कर प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया. इसमें पाया गया कि दवाओं के छिड़काव के बाद बीमारियां नियंत्रित हो गई है. प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, डॉ. अनुराधा रंजन कुमारी, एसएमएस ई. कृष्णा बहादुर छेत्री, डॉ. हर्षा बी आर, डॉ. नंदीशा सी वी, एसआरएफ शिवम चौबे, कृषक जितेन्द्र राय, शंभूनाथ सिंह, नितेश कुमार, शिवजी ठाकुर, संजय सिंह, झगरू प्रसाद, शिवपूजन राय मौजूद थे.

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