पॉलिथीन-सिंगल यूज प्लास्टिक के बर्तनों के बहिष्कार के साथ मनाएं दीपावली

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Update: 2022-10-22 18:04 GMT
बेतिया। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में राष्ट्रीय सद्भावना एवं खुशियों का त्योहार दीपावली एवं छठ के अवसर पर पॉलिथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक के बहिष्कार के लिए आम जनमानस को जागृत करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ,डॉ महबूब उर रहमान एवं अल बयान के सम्पादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से आम जनमानस से राष्ट्रीय सद्भावना एवं खुशियों का त्योहार दीपावली एवं छठ के अवसर पर पॉलिथीन, सिंगल यूज प्लास्टिक के बर्तनों का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए कहा कि प्लास्टिक के बर्तनों के इस्तेमाल से प्लास्टिक के सूक्ष्म घातक कण हमारे शरीर में प्रवेश कर रहे हैं। इस अवसर पर आम जनमानस से पॉलिथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक में उपहार न देने की अपील की गई ।उपहार को कपड़े या कागज के थैले में देने की अपील की गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पॉलिथीन ,सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बर्तनों , कप,प्लेट एवं बोतल के प्रयोग से कैंसर जैसे अनेक बीमारियां के लक्षण हमारे शरीर में दिख सकते हैं।सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक एवं पॉलीथीन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी के बावजूद अनेक जगहों से पॉलिथीन एवं सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बर्तनों की इस्तेमाल की खबरें मिल रही है। विश्वास नहीं होता कैसे लोग अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।
''हमारे देश में प्लास्टिक का प्रयोग इतना ज्यादा होने लगा है कि यह हमारी दिनचर्या में हर रोज शामिल है। खान-पान से लेकर दूसरी अन्य चीजों को हम इधर से उधर ले जाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प प्लास्टिक को मानते हैं। पर हमें इसकी कहीं न कहीं रोकथाम करने की बहुत ज्यादा जरूरत है। क्योंकि जिन प्लास्टिक की चीजों का हम प्रयोग करते हैं, वो हमारे आस-पास के वातावरण को सबसे ज्यादा दूषित करती हैं। साथ ही मानव जीवन के लिए संकट उत्पन्न कर रहे हैं । ऐसे में हम अपनी सेहत से ही किसी भी परिस्थिति में समझौता नहीं कर सकते हैं।प्लास्टिक के प्रयोग से होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर डॉ एजाज अहमद ने कहा कि लोगों को जितना जल्दी हो सके प्लास्टिक का प्रयोग बंद करना चाहिए। प्लास्टिक हमारे पीने के पानी को प्रदूषित कर रहे हैं, जहां से हम सांस लेते हैं वो वातावरण भी प्लास्टिक के कारण दूषित होता चला जा रहा है। उन्होंने बताया जितनी भी प्लास्टिक की वस्तुएं होती हैं, वो टॉक्सिक सब्सटेंस से बने होती हैं जो कि मानव शरीर के लिए घातक है। इनमें लैड, सीसा, मरकरी और कैडवियम होता है, जिनके संपर्क में आने से हमें कई तरह की गंभीर बीमारियों होने का खतरा है। साथ ही इसके डायरेक्ट संपर्क में आने से बर्थ डिसऑर्डर यानी मां से बच्चे को भी कुछ विकार होते हैं जिसका यंग एज में उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ता है। आसान भाषा में कहें तो पैदा होते ही बच्चा बीमारी में जकड़ जाता है। प्लास्टिक हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं। प्लास्टिक में जहरीले पदार्थ पाएं जाते हैं। पॉलिथीन एवं सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बर्तनों के इस्तेमाल करने के बाद इधर उधर फेंक दिया जाता है, तो यह पर्यावरण के लिए गंभीर संकट उत्पन्न कर रहे है। ये पानी से लेकर भूमि को प्रदूषित करने के साथ ही पेड़-पौधों और फसलों की वृद्धि व उत्पादन को भी क्षति पहुंचा रहे है। बेजुबान जानवरों के लिए पॉलिथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक संकट उत्पन्न हो गया है।इस अवसर पर वक्ताओं आम जनमानस से राष्ट्रीय सद्भावना एवं खुशियों का त्योहार दीपावली एवं छठ को पॉलिथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त मनाने की अपील की।
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