बिहार का फेमस 'लंगड़ा आम' अब मॉरीशस और न्यूजीलैंड जैसे कई देशों के बाजारों में होगा उपलब्ध, पहली बार 'शाही लीची' का स्वाद ले पाएंगे बहरीन और कतर के लोग

बिहार के रसीले और सुगंधित ‘लंगड़ा आम’ और जीआई टैग प्राप्त शाही लीची को मुजफ्फरपुर से जल्द ही नए विदेशी बाजार मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन और कतर भी भेजा जाएगा.

Update: 2022-06-02 02:55 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार (Bihar) के रसीले और सुगंधित 'लंगड़ा आम' और जीआई टैग प्राप्त शाही लीची को मुजफ्फरपुर से जल्द ही नए विदेशी बाजार मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन और कतर भी भेजा जाएगा. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने हाल ही में बिहार के लंगड़ा आम (Langara aam) और शाही लीची को बढ़ावा देने के लिए बिहार स्थित किसान उत्पादक संगठनों के साथ मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन, कतर, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात के अंतरराष्ट्रीय फल निर्यातकों और आयातकों की एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की थी. एपीईडीए के क्षेत्रीय प्रभारी सी बी सिंह ने बताया कि बिहार फल और सब्जी विकास निगम के सहयोग से एपीईडीए जल्द ही मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन और कतर को काफी मात्रा में लंगड़ा आम और शाही लीची (Shahi litchi) के साथ नमूना खेप भेजेगा. इसे भेजने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि ये देश इस साल नए जुड़े हैं. पिछले साल एपीईडीए ने जीआई टैग प्राप्त भागलपुर के जरदालु आमों और शाही लीची के नमूना शिपमेंट को कई यूरोपीय और खाड़ी देशों में भेजा था. सिंह ने कहा कि जैसे महाराष्ट्र से अल्फांसो आम, गुजरात से केसर, आंध्र प्रदेश से बनगनपल्ली और उत्तर प्रदेश से बनारसी लंगड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचे जाते हैं, एपीईडीए बिहार के लंगड़ा आम और शाही लीची को मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन और कतर के विदेशी बाजारों में बढ़ावा देना चाहता है.
पहली बार है जब बिहार की लीची बहरीन और कतर जाएगी
उन्होने कहा कि शाही लीची की पहली खेप को बहरीन और कतर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यह पहली बार है जब बिहार की लीची बहरीन और कतर भेजी जा रही है. एपीईडीए और बीएफवीडीसी लंगड़ा और जरदालू आमों और शाही लीची की खेपों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भेजने की प्रक्रिया को अधिक किफायती बनाने पर भी काम कर रहे हैं क्योंकि तटीय राज्यों के आमों को विदेशी बाजारों में भेजने की लागत कम है. लंगड़ा आम मुख्य रूप से बिहार के गंगा के मैदानी इलाकों में उगाए जाते हैं.
भारतीय आम और लीची दिखेंगे अब विदेशी बाजारों में
एपीईडीए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक शीर्ष संगठन है जिसे भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात के प्रचार और विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीएफवीडीसी के प्रबंध निदेशक नंद किशोर ने बताया कि एपीईडीए के सहयोग से बीएफवीडीसी बिहार के लंगड़ा आम और शाही लीची की नमूना खेप को मॉरीशस, न्यूजीलैंड, बहरीन और कतर के विदेशी बाजारों में भेजने की योजना को अंतिम रूप दे रहा है.
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