इस हफ्ते बिहार को मिलेगा दो पावरग्रिड का सौगात, केंद्रीय और राज्य मंत्री करेंगे लोकार्पण, जानें कितनी मिलेगी बिजली

बिहार में 15 को सहरसा और 14 अप्रैल को सीतामढ़ी पावरग्रिड राष्ट्र को समर्पित होगा।

Update: 2022-04-11 06:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में 15 को सहरसा और 14 अप्रैल को सीतामढ़ी पावरग्रिड राष्ट्र को समर्पित होगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और सूबे के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव सहरसा व सीतामढ़ी के पावरग्रिड का लोकार्पण कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। मंत्रियों के आगमन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। शहर के पटेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम से लोकार्पण कर सहरसा पावरग्रिड को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।

मंत्री आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में सहरसा के डीएम आनंद शर्मा, पावरग्रिड के एमडी ए. श्रीकांत सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। पावरग्रिड मिथिलांचल ट्रांसमिशन लिमिटेड के वरिष्ठ महाप्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने कहा कि 15 अप्रैल को ऊर्जा मंत्री भारत सरकार और बिहार सरकार के द्वारा सहरसा पावरग्रिड को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। लोकार्पण कार्यक्रम शहर के पटेल मैदान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा।
पटना से हेंगर सहित टेंट से जुड़े अन्य सामान मंगाए गए हैं। बता दें कि मंत्री द्वय के कार्यक्रम को लेकर एक दिन पूर्व ही पावरग्रिड और बिजली कंपनी से जुड़े अधिकारी सहरसा पहुंच जाएंगे। सहरसा जिले के सत्तरकटैया प्रखंड क्षेत्र के सिहौल गांव में चार लाख वोल्ट लाइन यानी 1200 मेगावाट की 1400 एमवीए क्षमता का सहरसा पावरग्रिड (उपकेंद्र) है। पिछले साल के अक्टूबर माह के पहले सप्ताह से इस पावरग्रिड से बिजली आपूर्ति की जा रही है।
अभी सहरसा जिले के सोनवर्षाराज और मधेपुरा शहर स्थित ग्रिड को बिजली आपूर्ति की जा रही है। चार्ज वेग का कार्य पूरा होते सहरसा पावरग्रिड से खगड़िया और बेगूसराय को बिजली आपूर्ति की जाने लगेगी। पावरग्रिड मिथिलांचल ट्रांसमिशन के वरिष्ठ महाप्रबंधक ने कहा कि खगड़िया और बेगूसराय जिले को अभी भी बिजली आपूर्ति करने को पावरग्रिड सक्षम है, पर इसके लिए राज्य सरकार के संबंधित विभाग को उपकेंद्र से कनेक्टिविटी के लिए जरूरी कार्य को पूरा करना होगा।
जनवरी 2019 में सीएम ने पावरग्रिड का किया था शिलान्यास
सहरसा पावरग्रिड का 19 जनवरी 2019 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री ने शिलान्यास किया था। पावरग्रिड का लाइन दस सितंबर 2021 को ही चार्ज किया गया था। इसकी लागत राशि करीब 400 करोड़ रुपए है।
किशनगंज-दरभंगा लाइन से अगले सप्ताह जुड़ जाएगा सहरसा उपकेंद्र
लीलो प्रोजेक्ट के तहत 400 केवी किशनगंज-दरभंगा लाइन से अगले सप्ताह सहरसा पावरग्रिड(उपकेंद्र) जुड़ जाएगा। उसके बाद सहरसा पावरग्रिड को दरभंगा-किशनगंज लाइन से भी बिजली मिलने लगेगी। अभी सहरसा पावरग्रिड को पटना-किशनगंज लाइन से बिजली मिलती है। सहरसा पावरग्रिड से पिछले साल के 14 अक्टूबर से सहरसा जिले के सोनवर्षाराज और मधेपुरा ग्रिड को 40-40 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है।
बता दें कि 400 केवी किशनगंज-दरभंगा लाइन के दोनों सर्किटों का सहरसा पावरग्रिड में लीलो को 11 अप्रैल के बाद कभी भी चार लाख वोल्ट पर आवेशित (बिजली प्रवाहित) किया जाएगा। वरिष्ठ महाप्रबंधक ने इस कारण पारेषण लाइन के किसी भी भाग और टावर को नहीं छूने की लोगों से अपील की है। सहरसा जिले के पंचगछिया,पटोरी, बिहरा, दौरमा, औकाही, सिहौल, रकियापट्टी, पुरीख, टुनियाही और बेला होकर लीलो इन करेगी।
सुपौल जिले के कर्णपुर, मलहनी, सिमरा, परसरमा परसौनी, घुघौरा मिलकानए व परसौनी होकर लीलो इन करेगी। इस व्यवस्था के बाद किशनगंज से बिजली सहरसा उपकेंद्र आएगी फिर दरभंगा जाएगी। इससे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था काफी सुदृढ़ हो जाएगी। कृषि कार्य के लिए भी पर्याप्त बिजली मिल पाएगी।
बनाए गए हैं 114 टावर
दरभंगा-किशनगंज लाइन को सहरसा पावरग्रिड से जोड़ने के लिए 114 टावर बनाए गए हैं। वहीं पटना-किशनगंज लाइन से सहरसा पावरग्रिड को जोड़ने के लिए 211 टावर बनाया गया था। जिसमें पिछले साल के सितंबर माह में बिजली चार्ज किया गया था।
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