नपेंगे भड़काऊ पोस्ट करने वाले, सोशल मीडिया की निगरानी कर रही है बिहार पुलिस
नपेंगे भड़काऊ पोस्ट करने वाले, सोशल मीडिया की निगरानी कर रही है बिहार पुलिस
पटना: दंगों और प्रदर्शनों के दौरान फेक न्यूज, भड़काऊ बयान और सोशल मीडिया (Bihar Police Monitoring On Social Media) के विवादास्पद पोस्ट आग में घी का काम करते हैं. अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भी कई जगहों से हिंसक घटनाओं की खबर आई. ऐसे में अब बिहार सरकार सोशल मीडिया पर किसी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों को बख्शने के मूड में नहीं है. इस पर चौबीसों घंटों पैनी नजर रखने के लिए ईओयू में एक यूनिट सोशल मीडिया पेट्रोलिंग ( Bihar Social Media Patrolling Unit) का गठन किया गया है.
अब सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ बयान या पोस्ट जारी करने वाले असामाजिक तत्वों पर बिहार पुलिस की पैनी नजर है. सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट हर वक्त अपनी आंखें सोशल मीडिया पर रखे हुए है. इस यूनिट को अत्यधिक महिलायें संभाल रहीं है. EOU के मुताबिक बहुत जल्द इस यूनिट का विस्तार किया जायेगा.सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट का गठन: आर्थिक अपराध इकाई के एसपी सुशील कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का आपत्तिजनक पोस्ट, भड़काऊ बयान या लोगों की भावनाओं को आहत करने जैसे कृत्यों पर खास नजर रखने के लिए सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट का गठन किया गया है. इस यूनिट में एक डीएसपी के नेतृत्व में 10 से 15 की संख्या में महिला और पुरुष कर्मियों को लगाया गया है.
आर्थिक अपराध इकाई का मानना है कि आपसी सौहार्द या दंगा जैसे मामलों में सोशल मीडिया की अहम भूमिका होती है. सोशल मीडिया के माध्यम से कहीं ना कहीं लोग अपने धर्म जाति के लोगों को उकसाते हैं जिससे दंगा भड़कता है. हाल के दिनों में बिहार के कई जिलों में अग्निपथ योजना को लेकर उपद्रव किया गया है जिसमें काफी सरकारी संपत्ति को क्षति हुई है. ऐसे असामाजिक तत्वों को चिन्हित करने के लिए सोशल मीडिया की विभिन्न प्लेटफॉर्म के माध्यम से सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट के कर्मचारी लगातार अपनी पैनी नजर बनाए रखते हैं.सुशील कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में ही बिहार सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट डाला गया था जिसकी सूचना प्राप्त होते ही आर्थिक अपराध इकाई द्वारा उस मामले की छानबीन की गई और अधिकारी पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई है. सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट का काम है कि मीडिया चैनल्स सीसीटीवी कैमरे या सोशल साइट्स पर चल रहे चीजों पर अपनी नजर बनाए रखना.