बिहार सरकार कुशासन के पथ पर अग्रसर तावड़े

Update: 2023-08-12 08:04 GMT

मुजफ्फरपुर: बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार कुशासन के पथ पर अग्रसर है. जारी बयान में उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के चुनाव में भाजपा ने गठबंधन में बड़ी पार्टी होते हुए भी अपने वायदे को निभाया और तीसरे बड़े दल जदयू को सत्ता की चाभी सौंपी.

उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में एक वर्ष में अपराध की घटनाओं में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है. रोज हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं. महिलाओं पर अत्याचार और जघन्य अपराध में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. बिहार में पुलिस प्रशासन का इकबाल कम हुआ है. बिहार के नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे हैं. अपनी पहली कैबिनेट में ही 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा करने वाले लोग अब उन युवाओं पर लाठी से प्रहार कर रहे हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज और उसके विरोध में भाजपा द्वारा किए गए प्रदर्शन पर भी लाठी चलाई गई. बिहार की शैक्षणिक स्तर में लगातार गिरावट हो रही है. भ्रष्टाचार में तेजी से वृद्धि हुई है. भाजपा के साथ रहते हुए डबल इंजन की सरकार में जहां बिहार प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा था, वहीं अब बिहार कुशासन की चोट सह रहा है.

वित्त विभाग ने सभी मदों में खर्च की सीमा तय की

राज्य में वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने के लिए वित्त विभाग ने सभी मदों में खर्च की सीमा तय किया है. विभाग के अनुसार चौमाही खर्च के प्रतिशत के अनुसार राशि के आवंटन किए गए हैं. फिलहाल स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय के मदों में सिलिंग को 65 प्रतिशत तक निर्धारित किया गया है. लेकिन वित्त विभाग ने समीक्षा के बाद मजदूरी, पुरस्कार, यात्रा व्यय, कार्यालय व्यय, वाहन का इंधन एवं रख-रखाव, प्रशिक्षण, कंसल्टेंसी, दूरभाष, कार्यालय व्यय, वर्दी पोषाक, परीक्षा, कांफ्रेंस और मुआवजा के मद में पूरी राशि खर्च की छूट दी है. वित्त विभाग के सचिव (संशाधन)लोकेश कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागध्यक्ष, प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी को निर्देश जारी किया है.

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