बालू माफिया के खिलाफ बड़ी कार्यवाही, खनन विभाग से ईओयू ने मांगा तीन साल में दर्ज केस का ब्योरा, 16 टारगेट पर
भागलपुर-बांका के कई बालू माफिया की संपत्ति जब्त करने की तैयारी चल रही है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भागलपुर-बांका के कई बालू माफिया की संपत्ति जब्त करने की तैयारी चल रही है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इसके लिए खनन विभाग से पिछले तीन साल में दर्ज मुकदमों का ब्योरा मांगा है। खनन विभाग ने ईओयू को जनवरी 2019 से 2021 दिसंबर तक के दर्ज मुकदमों की लिस्ट भेज दी गई है। ईओयू अधिकारी 2019-21 में दर्ज हुई सभी 277 एफआईआर की स्क्रूटनी कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि बालू माफिया पर 2019 में 125, 2020 में 74 और 2021 में 78 एफआईआर भागलपुर के विभिन्न थानों में दर्ज की गयी है। इनमें 16 नाम ऐसे आए हैं, जो एक से ज्यादा एफआईआर में नामजद हैं। ईओयू अब इन नामजदों की कुंडली खंगाल रही है। ईओयू के अधिकारी पिछले पखवाड़े करीब एक सप्ताह तक भागलपुर और बांका जाकर माफिया का सोशल इकोनॉमिक सर्वे पूरा कर लिया है। संबंधित गांवों के लोगों ने भी ईओयू को बताया है कि सड़क पर पैदल चलने वाला शख्स पिछले पांच साल में कैसे करोड़पति ही नहीं, अरबपति भी हो गया है।
परिवहन, खनन व पुलिस अफसरों पर भी दबिश की तैयारी
ईओयू को रजौन, चानन, लोदीपुर, खीरीबांध आदि इलाकों के ग्रामीणों ने संबंधित माफिया के कई ठिकानों की भी जानकारी दी है। कुछ माफिया का मकान भागलपुर शहर में बनाने की जानकारी ईओयू को मिली है। ईओयू अधिकारी अगले हफ्ते फिर भागलपुर-बांका आएंगे और स्थानीय पुलिस की मदद से अर्जित संपत्ति को चिह्नित कर बड़ी कार्रवाई करेंगे। सूत्रों ने बताया कि मुख्यालय में कुछ अधिकारियों की भी सूची तैयार की गई है, जो बांका-भागलपुर में परिवहन, खनन और पुलिस विभाग में तैनात रहे हैं।
ईओयू इन अफसरों के ड्राइवर, चपरासी और गश्त में शामिल पुलिसकर्मियों की भी सूची तैयार कर रहे हैं। इससे माफिया को संरक्षण देने के मामले में इन लोगों पर भी बड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। सभी लोगों के मोबाइल को सर्विलांस पर लिया गया है। साथ ही व्हाट्सएप पर मैसेज के आदान-प्रदान की भी चैटिंग भी डाउनलोड की जा रही है। तकनीकी जांच में इन लोगों के मोबाइल के आईपी एड्रेस से ईमेल का पता किया जा रहा है, ताकि ठोस सबूत हाथ लग सके। बांका में बालू के अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन के एवज में करोड़ों रुपये के राजस्व हानि की जानकारी भी ईओयू को हाथ लगी है।
भागलपुर के जिला खनिज विकास पदाधिकारी अखलाक हुसैन ने कहा, 'जनवरी 2019 से अप्रैल 2022 तक बिहार खनिज विकास नियमावली की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन के आरोप में 325 एफआईआर दर्ज कराई गई है। इन एफआईआर की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई थी। इसके बाद की जानकारी मुझे नहीं है।'