शिकायत मिलते ही दागी अफसरों पर होगी कार्रवाई, पुलिस की छवि सुधारने के लिए राज्य में चलेगा ऑपरेशन क्लीन
पटना। पुलिस विभाग में स्वच्छता लाने के लिए आपरेशन क्लीन अप की शुरुआत की गई है। इसके तहत पुलिस में कार्यरत संदिग्ध आचरण वाले पदाधिकारियों व कर्मियों का प्रशासनिक आधार पर अविलंब तबादला किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने इस बाबत वरीय पुलिस अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों पर चल रही विभागीय कार्यवाही का भी जल्द निष्पादन करने का निर्देश दिया है। पुलिस मुख्यालय में डीजीपी एसके सिंघल की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग से आयोजित रेंज व जिलों के वरीय पुलिस पदाधिकारियों की बैठक में इस बाबत निर्देश दिया गया। पुलिस मुख्यालय स्तर से प्रेषित स्थानांतरण की सूची पर की गई कार्रवाई की भी जिलावार समीक्षा बैठक में की गई। जिन जिलों से रिपोर्ट अप्राप्त है, उन्हें शीघ्र रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया।
कोर्ट से जुड़े मामलों के लिए अलग कोषांग
डीजीपी एसके सिंघल ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन कांडों की मानीटरिंग कोर्ट से की जा रही है, उसपर गंभीरता पूर्वक कार्रवाई करें। ऐसे कांडों का समय से निष्पादन किया जाए। कोर्ट के द्वारा पिछले दिनों सौंपी गई लंबित कांडों की सूची के आलोक में भी सभी जिलों से कार्रवाई का ब्योरा तलब किया गया। एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने अभियोजन के मामलों के लिए प्रत्येक जिले में पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में अलग कोषांग बनाने का निर्देश दिया। मुख्यालय के पुलिस उपाधीक्षक यानी डीएसपी को इसकी मानीटरिंग की जिम्मेवारी दी गई है। एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने निर्देश दिया कि समन तथा वारंट का डिजिटल डाटा रखा जाए। हर दिन इसकी मानीटरिंग हो कि इनमें से कितनों को कोर्ट में पेश किया गया। उन्होंने जिलों के एसपी को हर 15 दिनों पर अभियोजन पदाधिकारियों के साथ कोर्ट से जुड़े मामलों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा रेंज के आइजी-डीआइजी से भी इन मामलों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। डीजीपी एसके सिंघल ने सभी जिलों को स्पष्ट निर्देश दिया कि एंटी लिकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) मद्य निषेध के लिए डेडिकेटेड बल है। एएलटीएफ का प्रयोग सिर्फ शराबबंदी से जुड़े कार्य के लिए ही करें। उन्होंने एएलटीएफ के काम में आ रही तकनीकी बाधा और संसोधनों की कमी को लेकर स्पष्ट कहा कि निर्देश का अक्षरश: पालन किया जाए। पुलिस को प्रोफेशनल ढंग से काम करने का निर्देश डीजीपी ने दिया।
दो हजार से अधिक दारोगा का जल्द होगा सत्यापन
एडीजी ने पुलिस अवर निरीक्षक के लिए चुने गए 2033 अभ्यर्थियों के चरित्र सतयापन एवं मेडिकल कराये जाने की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को चरित्र सत्यापन के लिए पुलिस अधीक्षक के समक्ष भौतिक रूप से उपिस्थत रहना है। उन्होंने जिलों को तीन पदाधिकारियों का टीम बनाकर सत्यापन का काम पूरा करने का निर्देश दिया।