पोषण वाटिका वाले स्कूलों के 80 बच्चे स्वस्थ

Update: 2023-08-05 11:01 GMT

मुंगेर न्यूज़: मौसमी फल-सब्जियों के अलावा औषधीय पौधे के सेवन से पोषण वाटिका वाले स्कूलों के 80 फीसदी बच्चे स्वस्थ रहते हैं. मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय द्वारा मई में कराए सर्वे में यह बात सामने आई है.

सर्वे के मुताबिक, जिन स्कूलों में मध्याह्न भोजन में करीपत्ता, नीम पत्ता, तुलसी पत्ता, पालक आदि डालकर बच्चों को परोसा जाता है, वहां के बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर है. ये एनीमिया आदि से ग्रसित नहीं हो रहे हैं.

बता दें कि राज्य के 8270 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में पोषण वाटिका चलती है. इसमें कई मौसमी सब्जियां उगाई जाती हैं. इनमें न के बराबर रसायनिक खाद डाला जाता है. इन सब्जियों का इस्तेमाल दाल, सब्जी, सलाद, खिचड़ी बनाने में किया जाता है. बच्चों को तमाम सब्जियों और औषधीय पौधों के गुणों की जानकारी दी जाती है. सर्वे के बाद अब सूबे के सभी जिलों में 7707 स्कूलों में भी पोषण वाटिका शुरू होगी. इसके लिए स्कूलों का चयन कर लिया गया है.

जिला स्कूल

पटना 397

नालंदा 254

भोजपुर 170

बक्सर 15

रोहतास 238

कैमूर 182

गया 487

जहानाबाद 120

अरवल 82

नवादा 227

औरंगाबाद 297

सारण 344

सीवान 249

गोपालगंज 276

मुजफ्फरपुर 208

सीतामढ़ी 331

शिवहर 13

वैशाली 321

पूर्वी चंपारण 87

पश्चिम चंपारण 340

दरभंगा 92

मधुबनी 257

समस्तीपुर 403

पूर्णिया 440

किशनगंज 184 अररिया 301

कटिहार 76

भागलपुर 213

बांका 245

मुंगेर 40

शेखपुरा 74

लखीसराय 87

जमुई 250

खगड़िया 148

बेगूसराय 120

सहरसा 200

सुपौल 265

मधेपुरा 239

जिन स्कूलों में नहीं है वहां पोषण वाटिका खोली जाएगी. जो सब्जियां खरीदी जाती हैं अगर स्कूल में उगायी जाए तो इससे बेहतर क्या हो सकता है.-अमित कुमार, डीईओ

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