मुंगेर न्यूज़: मौसमी फल-सब्जियों के अलावा औषधीय पौधे के सेवन से पोषण वाटिका वाले स्कूलों के 80 फीसदी बच्चे स्वस्थ रहते हैं. मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय द्वारा मई में कराए सर्वे में यह बात सामने आई है.
सर्वे के मुताबिक, जिन स्कूलों में मध्याह्न भोजन में करीपत्ता, नीम पत्ता, तुलसी पत्ता, पालक आदि डालकर बच्चों को परोसा जाता है, वहां के बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर है. ये एनीमिया आदि से ग्रसित नहीं हो रहे हैं.
बता दें कि राज्य के 8270 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में पोषण वाटिका चलती है. इसमें कई मौसमी सब्जियां उगाई जाती हैं. इनमें न के बराबर रसायनिक खाद डाला जाता है. इन सब्जियों का इस्तेमाल दाल, सब्जी, सलाद, खिचड़ी बनाने में किया जाता है. बच्चों को तमाम सब्जियों और औषधीय पौधों के गुणों की जानकारी दी जाती है. सर्वे के बाद अब सूबे के सभी जिलों में 7707 स्कूलों में भी पोषण वाटिका शुरू होगी. इसके लिए स्कूलों का चयन कर लिया गया है.
जिला स्कूल
पटना 397
नालंदा 254
भोजपुर 170
बक्सर 15
रोहतास 238
कैमूर 182
गया 487
जहानाबाद 120
अरवल 82
नवादा 227
औरंगाबाद 297
सारण 344
सीवान 249
गोपालगंज 276
मुजफ्फरपुर 208
सीतामढ़ी 331
शिवहर 13
वैशाली 321
पूर्वी चंपारण 87
पश्चिम चंपारण 340
दरभंगा 92
मधुबनी 257
समस्तीपुर 403
पूर्णिया 440
किशनगंज 184 अररिया 301
कटिहार 76
भागलपुर 213
बांका 245
मुंगेर 40
शेखपुरा 74
लखीसराय 87
जमुई 250
खगड़िया 148
बेगूसराय 120
सहरसा 200
सुपौल 265
मधेपुरा 239
जिन स्कूलों में नहीं है वहां पोषण वाटिका खोली जाएगी. जो सब्जियां खरीदी जाती हैं अगर स्कूल में उगायी जाए तो इससे बेहतर क्या हो सकता है.-अमित कुमार, डीईओ