मुजफ्फरपुर न्यूज़: शहर में पानी की जरूरत को नगर निगम पूरा नहीं कर पा रहा है. निगम की लापरवाही से रोज करीब 34 लाख लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. इस पानी से 25 हजार से अधिक लोगों की पानी की जरूरत पूरी हो जाती. अभी भी 13 हजार से अधिक घरों तक निगम पानी पहुंचाने में फेल है. जलापूर्ति के लिए निगम के 30 बड़े पंप प्रतिदिन 1.13 से 1.70 करोड़ लीटर पानी खींचते हैं. इसमें भी 20 फीसदी बर्बाद हो जाता है.
बताते हैं कि पुराने जलापूर्ति सिस्टम के जर्जर और नयी जलापूर्ति व्यवस्था के त्रुटिपूर्ण निर्माण से पानी की बर्बादी हो रही है. पुराना जलापूर्ति पाइप जगह-जगह क्षतिग्रस्त हैं. हाल में सीएम शहरी हर घर नल-जल योजना से लगे पाइप वाहनों के दबाव में क्षतिग्रस्त हो जाने से पानी बर्बाद होता है. दर्जनों बिना
टोटी के नल से पानी गिरता रहता है.
वर्षा जल संचय नहीं होने और लगातार पानी के दोहन से भूजल स्तर गिर रहा है. 25 साल पहले 20 फीट पर चापाकल का पानी मिलता था. अब 50 फीट पर पानी मिल रहा है. 250 फीट पर सबमर्सिबल लग रहा है. सबमर्सिबल लगने पर आसपास के चापाकल सूख जाते हैं.
- सुरेश गुप्ता, पर्यावरण विशेषज्ञ
49 वार्डों के लिए सिर्फ 11 जलमीनार, दो बेकार
नगर निगम के 49 वार्ड के लिए महज 11 जलमीनार हैं. इनमें मिस्कॉट स्थित जलमीनार खत्म हो चुकी है. ब्रह्मपुरा थाना के पास की जलमीनार वर्षों से बंद है. जेल चौक, पानी टंकी मोड़, कंपनीबाग, सिकंदरपुर, इमलीचट्टी, पीडब्लूडी, खबड़ा, पशुपालन व सर्किट हाउस स्थित जलमीनार काम कर रही.
जलापूर्ति में गड़बड़ी व पानी की बर्बादी की शिकायतों को लेकर नगर आयुक्त को निर्देशित करके विशेष जांच टीम गठित की गई है. टीम वार्ड पार्षदों से समन्वय कर जांच करेगी. पंप हाउस में ऑपरेटर की लापरवाही, लीकेज पाइप व अन्य हर शिकायत की जांच होगी.
- निर्मला साहू, मेयर.
सुतापट्टी के गोदाम गली रोड में अंदर से पाइप फटने से रोड पर जमा पानी.
निगम 179 सबमर्सिबल से भी पानी की आपूर्ति कर रहा है. फिर भी गर्मी में लोगों की प्यास बुझाने को वार्ड पार्षद अपने-अपने इलाके में और सबमर्सिबल मांग कर रहे हैं. एक दर्जन से अधिक पार्षदों ने नगर आयुक्त को पत्र लिख सबमर्सिबल के लिए स्थल की जानकारी दी है. इसपर नगर आयुक्त ने तकनीकी आकलन के लिए टीम गठित की है. टीम जांच कर सबमर्सिबल लगाने की तकनीकी रिपोर्ट देगी.