13 साल की लूसी, गजब का हुनर...हिन्दी, कोरियन समेत 10 भाषाओं में गीत गाती है
बिहार: संगीत के साधक तो आपको पूरे देश में मिल जाएंगे, लेकिन यह साधना तब औरों से अलग हो जाती है, जब इसमें कई प्रकार की विविधता आ जाती है. मुजफ्फरपुर के बैरिया इलाके के बैकुंठपुरी की रहने वाली लूसी इसी का उदाहरण है. वह तकरीबन 10 भाषाओं में गाना गाती है. इसमें हिंदी, अंग्रेजी, कोरियन, सिंहेला, तमिल समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाएं शामिल हैं.
लूसी बताती है कि संगीत की दुनिया में उसका नाम लूसी है, लेकिन उनका वास्तिवक नाम गोस्वामी आराध्या गिरी है. हालांकि उसे अपना स्टेज नाम लूसी ही पसंद है. इसी नाम से वह खुद को पुकारना पसंद करती हैं. लूसी ने बताया कि संगीत के प्रति उसका रुझान बचपन से ही था. पिता रंजीत गिरी के संगीत शिक्षक होने के कारण घर में गीत-संगीत का माहौल रहता था. ऐसे में उसका भी रुझान संगीत की तरफ हो गया. 7 साल की उम्र से वह अपने पिता से संगीत सीख रही है. अभी वह 13 साल की है.
लॉकडॉउन में किया कोरियन भाषा में रियाज
लूसी कहती है कि हिंदी और शास्त्रीय संगीत में रुझान के बाद उसका ध्यान लॉकडॉउन में विदेशी गीतों की तरफ गया. ऐसे में उसने देखा कि कोरियन और सिंहला भाषा के गीत लोग बेहद पसंद कर रहे हैं. तब लूसी ने कोरियन संगीतकार जंकु के गीत सुनना शुरू कर दिया और यूट्यूब और इंटरनेट के माध्यम से कोरियन भाषा में गीत का रियाज करने लगी.
लूसी कहती है कि इससे पहले वह बिहार की तकरीबन सभी क्षेत्रीय भाषाओं में गीत गाती रही है. हिंदी, भोजपुरी, मैथिली, बज्जिका, मगही, अंगिका के अलावा लूसी ने तमिल और पंजाबी गीत भी सीखा. इसके बाद वह अंग्रेजी के गाने भी गाने लगी. अन्य भाषाओं में गाने के प्रति रुचि बढ़ते ही लूसी ने कोरियन और श्रलांकाई भाषा का गाना सीखा और गाने लगी. लूसी कहती है कि उसका प्रयास है कि वह दुनिया की सारी भाषाओं में गाना गा सके.