एक 'राज्य ओबीसी आयोग' बनाएगी असम सरकार
राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में चाय समुदाय के छात्रों के लिए ऐसा कोई सीधा आरक्षण नहीं है
असम सरकार ने कहा कि वह एक 'राज्य ओबीसी आयोग' बनाएगी, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की मौजूदा आरक्षण सीमा के भीतर विभिन्न जनजातियों के लिए उप-वर्गीकरण पर निर्णय लेगा।
भाजपा विधायक रूपेश गोवाला की ओर से चाय जनजातियों पर एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने कहा कि वर्तमान में शिक्षण संस्थानों में चाय जनजातियों के लिए कोई अलग आरक्षण नहीं है और वे ओबीसी श्रेणी में आते हैं। पेगु ने कहा, ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी है। अब हम विचार कर रहे हैं कि क्या मौजूदा 27 फीसदी के भीतर विभिन्न ओबीसी जनजातियों के लिए उप-वर्गीकरण और आरक्षण हो सकता है।
उन्होंने सदन को सूचित किया कि एक 'राज्य ओबीसी आयोग' का गठन किया जाएगा और यह विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण मानदंड के उप-वर्गीकरण पर निर्णय करेगा। मंत्री ने कहा कि वर्तमान में केवल डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में कला, वाणिज्य और विज्ञान धाराओं में उच्च अध्ययन के लिए चाय जनजातियों के छात्रों के लिए आठ सीटों में आरक्षण है। उन्होंने कहा, राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में चाय समुदाय के छात्रों के लिए ऐसा कोई सीधा आरक्षण नहीं है।