भूलकर भी पिता से नहीं कहनी चाहिए ये बातें, रिश्ते में आने लगेगी दूरियां

Update: 2024-05-14 10:56 GMT
हर इंसान की कुछ जिम्मेदारियां होती हैं जो कि उम्र के साथ बढ़ती ही रहती हैं। एक पिता जिम्मेदारी निभाते हुए इस उम्मीद में अपने सारे इमोशन को छुपाए मेहनत करता रहता है, कि एक दिन वह अपने बच्चे के साथ आराम से भरी जिंदगी बिता सकेगा, और अच्छी यादों को बना सकेगा। लेकिन आजकल के बच्चों के व्यवहार में काफी अंतर देखने को मिल रहे हैं और जाने-अनजाने में वे अपने पिता को कुछ ऐसी बातें बोल देते हैं, जो बातें आपको कभी भूलकर भी उन्हें नहीं बोलनी चाहिए। ये बातें उन्हें आहत करते हुए रिश्तों में आई दूरियों का भी कारण बनती हैं। आप इन बातों को ध्यान में रखते हुए अपने पिता को दुखी होने से बचा सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
चुप रहिए आपको कुछ नहीं पता
बच्चे अपने पिता को बड़े होने के बाद कई बातों में अपनी राय रखने पर चुप करा देते हैं, शायद वैसे ही जैसे कभी उन्हें अपने पिता द्वारा करवा दिया जाता था। लेकिन चाहे ये बात मजाक में ही क्यों न कही गई हो एक पिता का दिल इसे अपमान के तौर पर ही लेता है। बच्चे का यह कहना कि 'चुप रहिए आपको कुछ नहीं पता है' पिता को बूढ़े होने के साथ यह एहसास दिलाता है, कि अब इस घर में उनकी कोई अहमियत नहीं रह गई है।
काश आप हमारे लिए ये कर पाते
आजकल के बच्चे अपनी लाइफस्टाइल को दूसरों के साथ बहुत जल्दी तोलने लग जाते हैं जैसे उनके किसी साथी या पड़ोसी के पास सब कुछ है, पैसा भी भरपूर है बिजनेस आदि सब अच्छा है। यदि आपके पास इन सभी चीजों में से किसी भी चीज की कमी है तो कभी भी आपको इन चीजों की शिकायत करते हुए अपने माता-पिता से ये नहीं कहना चाहिए कि काश आपने हमारे लिए ये किया होता। ऐसा कहना किसी भी माता-पिता को बहुत खराब लग सकता है।
आपने हमारे लिए किया ही क्या है
माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी राह पर लाने के लिए कई बार डांटते भी हैं, लेकिन आजकल के बच्चों को ये बात पसंद नहीं आती है और ऐसे में कभी गुस्से में बच्चों के मुंह से ये निकल जाता है कि आपने हमारे लिए किया ही क्या है। लेकिन आपको समझना चाहिए कि आपको जन्म देने के बाद पढ़ाया, अच्छा खानपान, अच्छे संस्कार, मतलब आपके लिए सबकुछ किया और अगर ऐसे में आप अपने माता-पिता से ये बात कहते हैं तो उन्हें काफी दुख पहुंच सकता है।
आपका जमाना चला गया
बच्चे मजाक में कई बार पापा से बोल देते हैं कि अब तो आपका जमाना चला गया। आप पिता को बात बोलकर बेशक अपसेट नहीं करना चाहते। लेकिन आपकी ये बात आपके पापा को काफी दुख दे कर सकती है। इसलिए पिता से ये बात मजाक में भी न बोलें।
आपकी नजर तो मेरे पैसों पर है
जब बच्चा बढ़ा होकर, अच्छी शिक्षा लेकर नौकरी करने लगता है तो उसके पास पैसे आने लगते हैं। ऐसे में कई बच्चे अपने घर पर माता-पिता को पैसे देने की जगह पर उन्हें खुद पर खर्च करना पसंद करते हैं। वहीं, जब माता-पिता कभी उनसे उनकी सैलरी कितनी है, उन्हें सैलरी कब मिलती है जैसे सवाल पूछते हैं, तो उन्हें लगता है कि माता-पिता उनसे पैसे मांगने वाले हैं। ऐसे में कई बार बच्चे ये बोल देते हैं कि आपकी नजर मेरे पैसों पर है। लेकिन ऐसा कभी भूलकर भी नहीं बोलना चाहिए।
न करें जमाने से तुलना
कई बार बच्चे पिता के सजेशन को इग्नोर कर देते हैं और तर्क देने हुए कहते हैं कि पिताजी आपका जमाना चाला गया है और हमारे जमाने की बात आप समझ पाएंगे नहीं। आपका ये तर्क बिल्कुल बेबुनियाद है क्योंकि जमाना चाहे कोई भी हो मगर बड़ो का एक्सपीरियंस लाइफ में हमेशा सही रास्ता दिखाने में मदद करता है।
आपका दिमाग भी बूढ़ा हो गया है
यह हो सकता है कि आपको पापा के कुछ ख्याल पसंद न आएं। मगर ख्याल या सोच कभी बूढ़े नहीं होते हैं। हर प्रकार के सोच ख्यालात की जरूरत पड़ती रहती है। इसलिए कभी भी किसी के ख्यालात की उम्र के साथ तुलना न करें। ऐसी बातें कहना अच्छी बात नहीं है। आप लॉजिक के साथ सोचिए तो पता चलेगा कि कभी भी दिमाग बूढ़ा नहीं होता। अपने पिता की बातों को सोचने और समझने की कोशिश करें। मगर उनको इस तरह बोलकर दुखी न करें।
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