Yoga Asanas: परेशानी का कारण बनता जा रहा हैं कमर दर्द योगासन की मदद से रखें खुद को फिट

Update: 2024-06-12 12:45 GMT
Lifestyle: भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में खुद को स्वस्थ रख पाना एक मुश्किल टास्क Difficult Task हो गया हैं। आए दिन लोगों को कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इन्हीं में से एक कमर दर्द आजकल की आम समस्या हो गई है। मांसपेशियों का खिंचाव, मांसपेशी में ऐंठन, ज्यादा समय तक बैठे रहना आदि कमर दर्द का कारण बनते हैं। कमर दर्द या बैक पेन से महिलाएं अधिक परेशान रहती हैं जिससे छुटकारा पाने का सबसे अच्छा जरिया वे पेन किलर को मानती हैं। लेकिन दवाइयों का सेवन आपके शरीर को अंदरूनी तौर पर खराब करता हैं। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे योगासन की जानकारी लेकर आए हैं जो प्राकृतिक तौर पर कमर दर्द से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद करते हो। आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...
मर्कटासन
मर्कट का अर्थ बंदर होता है, इसलिए इस आसन को बंदर आसन भी कहा जाता है। यह आसन करते समय शरीर का आकार बंदर जैसा हो जाता है। यह आसन कमर दर्द व पेट की चर्बी घटाने के लिए काफी लाभकारी होता है। इसे करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता है, हाथ-पैरों और कमर का दर्द व मोटापा काम होता है। पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों को कमर से नीचे रखें। दोनों पैरों को जोड़कर घुटनों से मोड़ लें। अब कमर से नीचे के हिस्से को ट्विस्ट करते हुए पैरों को एक बार दायीं तरफ बगल में जमीन पर टिका दें। इस अवस्था में सर को उसकी उलटी दिशा में रखते हैं। इस आसन को 10 से 20 सेकेंड से शुरू करते हुए टाइमिंग बढ़ानी है।
भुजंगासन
कमर दर्द से राहत दिलाने के लिए भुजंगासन बेहद कारगर है। इस आसन में शरीर की मुद्रा फन उठाए सांप की तरह की होती है। भुजंगासन करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। अब पैरों को आपस में मिलाएं और हथेलियों को सीने के पास कंधों की सीध में रखें। अपने माथे को जमीन पर रखकर शरीर को सहज रखें। फिर गहरी सांस लेते हुए शरीर के आगे के हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं। अपने दोनों हाथों को सीधा खड़ा रखें। करीब 15-20 सेकेंड के लिए इसी मुद्रा में रहें। फिर सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य मुद्रा में लौट आएं।
कंधरासन
इस आसन में सबसे पहले एक चटाई पर सीधे लेट जाइए और फिर अपने घुटनों को मोड़कर अपने बट्स के पास ले आएं। बाजुओं को सीधा कर कमर के पास रखिए। अब इसी अवस्था में अपने बट्स को ऊपर की दिशा में उठाएं। इस दौरान सांस को रोके रखें। अब धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में लौटें और सांस छोड़ते रहें। इस आसन को रोजाना 4 से 5 बार करें।
शलभासन
शलभासन भी पेट के बल लेट कर किया जाएगा। इसमें मैट पर पेट के बल लेटकर दोनों हथेलियों को जांघों के नीचे रख दें। फिर दोनों पैर की एड़ियों को आपस में जोड़कर अपने पैर के पंजे को सीधे रखें। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें। दोनों पैरों को ऊपर की ओर ले जाते समय गहरी सांस लें। इसी अवस्था में कुछ सेकेंड रहें और बाद में पैरों को सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर लाएं।
चक्रासन
यह आसन कमर दर्द में काफी आरामदायक है। इसे करने के लिए एक चटाई पर सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों और पंजों के बल पर अपने शरीर को ऊंचा उठाएं। इस दौरान कमर को जितना हो सकता है उतना ऊंचा उठाएं। 1 या 2 मिनट तक इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नॉर्मल अवस्था में आ जाएं। इस आसन से कमर की मांसपेशियां लचीली हो जाती हैं और उन्हें मजबूती भी मिलती है।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन करने के लिए सबसे पहले आप घुटनों के बल बैठ जाएं।
अब दोनों घुटनों की चौड़ाई कंधों के बराबर रखें और तलवे पूरे फैले हुए आसमान की तरफ रखें। रीढ़ की हड्डी को पीछे की तरफ झुकाते हुए दोनों हाथों से एड़ियों को छूने का प्रयास करें। ध्यान दें कि इस पोज में जाते समय गर्दन पर अधिक दबाव न पड़े और कमर से लेकर घुटनों तक का हिस्सा सीधा रहे। इस अवस्था में रहकर गहरी सांस लें। कुछ देर बाद अपनी सामान्य अवस्था में लौट आए।
मकरासन
यह सबसे आसान योग आसन है, जिसमें एक व्यक्ति को पेट के बल सीधा लेटना होता है। इसके बाद कोहनी को जमीन से सटाकर हाथों को ठोड़ी के नीचे लगाएं। इस अवस्था में पोश्चर एक मगरमच्छ जैसा बनाया जाता है और इसीलिए इसे मकरासन कहा गया है। भले ही यह आसन आसान है, लेकिन इसे करने के दौरान सावधानी बरतें और किसी तरह की जल्दबाजी न करें।
एकपाद उत्तानासन
इस आसन में एक पैर को सीधा उठाकर कुछ देर इसी अवस्था में रुकते हैं। इस आसन का एक सर्कल एक-एक बार दोनों पैरों से करने से पूरा होता है। इसलिए इसे एकपाद उत्तानासन कहते हैं। इस आसन को करने के लिए जमीन पर सीधा लेट जाएं और दोनों हाथों को शरीर के दोनों ओर कमर के नीचे रख लें। अब धीरे से सांस लेते हुए घुटने सीधे रखते हुए दायें पैर को 60 डिग्री का कोण बनाते हुए सीधा उठाइए। इस अवस्था में कुछ देर रुक कर सांस छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में वापिस आ जाइए। इसी तरह बायें पैर से इस आसन को दोहराना है। इसे शुरुआत में 4-5 बार दोहरा सकते हैं।
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