पेट की चर्बी से हैं परेशान? इन 2 कामों से मिलेगी मदद

Update: 2023-08-17 10:24 GMT
लाइफस्टाइल: पेट के आस-पास जमी चर्बी काफी जिद्दी होती है। कई बार वजन कम होने के बाद भी यह टस से मस नहीं होती है। बेली फैट न केवल आपके लुक को खराब कर सकता है, बल्कि कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है। अगर वजन कम होने के बाद भी आपका बेली फैट कम नहीं हुआ है, तो इसके पीछे इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से कई बार शरीर में मैग्नीशियम की कमी भी हो जाती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से पेट और कमर के इर्द-गिर्द चर्बी जमा हो जाती है। इंसुलिन हमारे शरीर में मौजूद एक ऐसा हार्मोन है जो हमारे ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से शुगर ब्लड में अब्जॉर्ब नहीं हो पाती है वो आपकी बेली के आस-पास जमा होना शुरू हो जाती है और इसकी वजह से अनचाहा बेली फैट बढ जाता है। ऐसे में आपको बेली फैट को कम करने के लिए एक्सपर्ट की बताई इन दो चीजों को ट्राई करना चाहिए। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। मनप्रीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स की है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
बेली फैट को कम करने के लिए पोस्ट-वर्कआउट ड्रिंक
सामग्री
सत्तू- 1/2 कप (पिसा हुआ)
बादाम- 1/4 कप (पिसा हुआ)
कद्दू के बीज- 1/8 कप (पिसे हुए)
अखरोट- 1/8 कप (पिसे हुए)
कैसे बनाएं?
सभी चीजों को 1 जार में पिलाकर शेक करें।
इस पाउडर में से 1 टेबलस्पून पाउडर लें।
इसे 1 गिलास पानी में मिलाएं।
इसे पोस्ट वर्कआउट ड्रिंक के तौर पर पिएं।
बेली फैट को कम करने के लिए पोस्ट-वर्कआउट ड्रिंक के फायदे
सत्तू में फाइबर और प्रोटीन होती है जो आंतों की सेहत के लिए अच्छे होते हैं। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है और पेट भरा हुआ महसूस होता है।
बादाम में मैग्नीशियम होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल मैनेज होता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है।
कद्दू के बीजों में मैग्नीशियम और जिंक होता है। जिससे लेप्टिन और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है।
अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं। जो इंफ्लेमेशन को कम कर, बेली फैट को कम करते हैं।
खाली पेट वर्कआउट करें
एक्सपर्ट के मुताबिक, बेली फैट को कम करने के लिए खाली पेट वर्कआउट करना चाहिए। सुबह फास्टिंग मोड में वर्कआउट, शरीर को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाता है। यह शरीर को स्टोर हुए फैट को एनर्जी के तौर पर इस्तेमाल करने में मदद करता है।
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