इन बातों का ध्यान रखें वर्किंग पैरेंट्स, अच्छे से कर पाएंगे बच्चों की परवरिश
पाएंगे बच्चों की परवरिश
बच्चे की परवरिश एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। परवरिश के दौरान दिए गए संस्कार ही उसके बेहतर भविष्य का निर्माण करते हैं। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों को अच्छी परवरिश मिले और इसके लिए पेरेंट्स अपने बच्चों को कोई कमी नहीं होने देना चाहते हैं। लेकिन आजकल देखने को मिल रहा हैं कि पेरेंट्स बच्चों को अपना समय छोड़कर सब चीजें आसानी से उपलब्ध करवा देते हैं। खासतौर से वर्किंग पैरेंट्स के सामने यह सबसे बड़ी दिक्कत रहती हैं कि वे बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाते हैं जिसके फलस्वरूप कई बार बच्चे के अंदर हीन भावना, अकेलापन या उद्दंडता आ जाती है। ऐसे में आपको बच्चे पर थोडा ध्यान देने की जरूरत हैं। अगर आप भी वर्किंग पेरेंट्स हैं तो यहां बताए जा रहे कुछ आसान तरीकों को अपनाकर अपने बच्चे को अच्छी परवरिश दे सकते हैं।
बच्चे को स्थिति के बारे में समझाएं
वर्किंग पेरेंट हैं, तो बच्चे को अपनी स्थिति के बारे में बताएं। कई बच्चे, अपने माता-पिता से केवल इसलिए दूर हो जाते हैं क्योंकि वो खुद को हर समय अकेला पाते हैं। आपको बच्चे को अपनी स्थिति के बारे में बताना चाहिए। उनके लिए आपके काम की अहमियत को समझना जरूरी है। आप उनसे नाराज न होने की उम्मीद नहीं कर सकते। बच्चे को समय देने और उसे समझने से समस्या हल हो सकती है।
बुजुर्गों के पास रखें बच्चे
अक्सर अकेले होने की वजह से बच्चे इधर-उधर की चीजों में अपना समय बिताने लगते हैं। ऐसा करना कई बार उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ऐसे में अपने बच्चों को इससे बचाने के लिए यह जरूरी है कि आप उन्हें अकेला न छोड़ें। इसलिए संभव हो तो हमेशा अपने बच्चों को दादा-दादी, नाना-नानी या किसी अन्य बुजुर्ग के पास छोड़ें। ऐसा करने न सिर्फ आप निश्चिंत रहेंगे, बल्कि आपके बच्चे बड़ों से अच्छी बातें भी सीख पाएंगे।
सेट करें बच्चे का रुटीन
अगर आपका बच्चा थोड़ा समझदार हो गया है तो आप उसकी एक रुटीन सेट कर दें। बच्चे को कब पढ़ना है, कब खाना है, कब खेलना और कब सोना है इसके लिए एक टाइम रखें। उसके सामान को व्यवस्थित करके रखें ताकि वह अपना काम आसानी से कर पाए। समय-समय पर बच्चे को फोन करके उसका हाल पूछें। आप चाहे तो बच्चे से मिलने भी आ सकते हैं।
घर पर कैमरा लगवाएं
अगर आपका बच्चा दिन में घर में अकेला रहता है, तो आप घर में सीसीटीवी कैमरा जरूर लगवाएं और इसका एक्सेस माता पिता दोनों के मोबाइल में होना चाहिए। इससे आपको पता रहेगा कि बच्चा कब क्या कर रहा है। ऐसे में आप बच्चे से बीच बीच में बात करके उसे गाइड कर सकते हैं।
वीकेंड पर पूरा समय दें
अगर आप प्राइवेट सेक्टर में हैं, तो कोशिश करें कि आपकी जॉब 5 दिनों वाली हो। ऐसे में आपको दो दिन अपने परिवार के साथ बिताने का मौका मिलेगा। इस समय में बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। उसे घुमाने ले जाएं, उसके साथ गेम्स खेलें और उसके मन की बातों को सुनें। इससे आपको ये भी पता चलेगा कि बच्चा आपसे क्या चाहता है।
बच्चे की आदतों पर गौर करें
अगर बच्चा अचानक से ज्यादा गुस्सा करने लगा है, उसे चिड़चिड़ापन महसूस होता है या अचानक चुप हो गया है तो हो सकता है उसे अकेलापन महसूस हो रहा है। कई बार बच्चे अपनी समस्या समझा नहीं पाते पर व्यवहार के जरिए उसे जताने का प्रयास करते हैं। आप बच्चे से बात करें। बच्चे की समस्या को प्यार से सुनें और उसका हल निकालें।