वर्तमान में, महिलाएं जल्द मां नहीं बनना चाहती हैं और इसलिए वह गर्भनिरोध के लिए कई रास्ते अपनाती हैं। इन्हीं में से एक है गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करना। यूं तो इन गोलियों का सेवन अधिक सुरक्षित व सुविधाजनक माना जाता है, लेकिन फिर भी हर महिला को इसका सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। मसलन, अगर आपका वजन बहुत अधिक है तो ऐसे में गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से परहेज करें। एक अध्ययन में पाया गया है कि यह गोलियां ओवरवेट महिलाओं में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को जन्म दे सकती हैं। महिलाओं का अधिक वजन और गर्भनिरोधक गोलियों व ब्लड क्लॉटिंग आपस में किस तरह जुड़ी है, इसके बारे में आज हम इस लेख में जानेंगे-
कार्डियोलॉजी के यूरोपीय सोसायटी के एक जर्नल, ईएससी हार्ट फेल्योर के एक अध्ययन के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त महिलाएं जो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन युक्त ओरल गर्भ निरोधकों का उपयोग करती हैं, उनमें गैर-मोटापे से ग्रस्त महिलाओं की तुलना में वीनस थ्रोम्बोइम्बोलिज्म (वीटीई) का जोखिम 24 गुना बढ़ जाता है।
इटली के अध्ययन लेखक प्रोफेसर ग्यूसेप रोसानो के अनुसारख् मोटापा और एस्ट्रोजन युक्त गर्भनिरोधक दोनों ही वीटीई के लिए जोखिम कारक हैं। इसके बावजूद, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को ये दवाएं मिलती रहती हैं। वैज्ञानिक साक्ष्यों बताते हैं कि मोटापे और मौखिक गर्भ निरोधकों का कॉम्बिनेशन आपस में मिलकर वीटीई जोखिम को बढ़ाता है।