महिला ने खुद से उखाड़ लिए तीन दांत, जानें इसके पीछे की वजह

आज के समय में शायद ही ऐसा कोई शहर होगा, जहां मेडिकल फैसिलिटी ना हो. अगर किसी एरिया में मेडिकल सुविधा नहीं है,

Update: 2022-08-13 10:56 GMT

आज के समय में शायद ही ऐसा कोई शहर होगा, जहां मेडिकल फैसिलिटी ना हो. अगर किसी एरिया में मेडिकल सुविधा नहीं है, तो ये वाकई शर्म की बात मानी जाती है. अगर आपको ऐसा लग रहा है कि हम भारत के किसी शहर की बात कर रहे हैं, तो आप गलत हैं. हम बात कर रहे हैं यूके (United Kingdom) की. जी हां, यूके में एक ऐसा एरिया है, जहां रहने वाली महिला पिछले दो साल से डेंटिस्ट के अपॉइंटमेंट का इन्तजार कर रही थी. लेकिन उसे अभी तक डॉक्टर से मिलने का समय नहीं मिला. इससे परेशान महिला ने अपना इलाज खुद ही कर लेने का फैसला किया.

52 साल की लायला वाटर्स ने अपने घर से 70 मील की दुरी पर स्थित सभी डेंटिस्ट्स से बात कर ली. लेकिन उसे दो साल में एक भी अपॉइंटमेंट नहीं मिला. अपने दांत के दर्द से परेशान इस महिला ने आखिर में अपना इलाज खुद करने का फैसला किया. इस महिला ने खुद ही अपने तीन दांत खींचकर उखाड़ लिए. वो भी बिना किसी पेनकिलर के. ऐसे में महिला को भारी दर्द सहना पड़ा. उसके दांत इन्फेक्शन की वजह से काफी लूज हो गए थे. साथ ही दर्द उसके बर्दाश्त से बाहर होने लगा था.
इस तरह किया अपना इलाज
लायला ने बताया कि दांतों में इन्फेक्शन की वजह से उसे काफी तकलीफ थी. उसके दांत मसूड़ों से लूज हो गए थे. इनमें सूजन के साथ ही काफी दर्द रहता था. उसने दो साल तक डेंटिस्ट से मिलने की कोशिश की. लेकिन उसे अपॉइंटमेंट ही नहीं मिलता था. ऐसे में आखिरकार उसने अपना इलाज खुद करने की ठानी. उसने एक किचन के गमछे को अपने दांत के पास लपेटा और अपने दांत को खुद उखाड़ लिया. इस दौरान उसे काफी दर्द हुआ. दूसरे दांत को खींचने की उसमें ताकत नहीं थी. ऐसे में सुने फिर से डॉक्टर्स से कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की.
फिर हुई असफल
लायला के मुताबिक़, एक बार अपने दांत खींचने के बाद उसमें दुबारा दर्द सहने की हिम्मत नहीं थी. इस कारण उसने एक बार फिर डॉक्टर से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन दो महीने तक नाकामयाबी के बाद आखिरकार उसने फिर से अपने दांत को खुद ही खींच लिया. इस बार उसने दो दांत उखाड़े. अब लायला ने लोगों के साथ शेयर किया कि कैसे शहर में रहकर भी उसे मेडकिल फैसिलिटी नहीं मिल रही है. दो बच्चों की मां के मुताबिक़, डॉक्टर्स उसे दवाइयों के नाम तो भेज रहे थे जिससे इन्फेक्शन कम हो, लेकिन उसे मिलने का समय नहीं दे रहे थे. आखिर में उसे ये दर्दनाक फैसला लेना पड़ा.


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