उम्र के साथ बॉडी कोलेजन प्रोटीन का प्रोडक्शन कर देती है कम और दिखने लगता बुढ़ापा
दिखने लगता बुढ़ापा
एजिंग के साइन नजर आना शुरू होते हैं तो चेहरे पर सबसे पहले महीन लकीरें दिखना शुरू होती हैं। उसके बाद धीरे-धीरे स्किन झूलने लगती है और फिर झुर्रियों में तब्दील हो जाती है। स्किन को हेल्दी, ग्लोइंग और यंग रखने की कोशिशें तीस साल की उम्र से ही शुरू हो जाती हैं। बेहतर कॉस्मेटिक्स, स्किन ट्रीटमेंट, नाइट स्किन केयर सारे प्रोसीजर्स शुरू हो जाते हैं। इतनी मेहनत के बावजूद एक वक्त आता है जब स्किन आपकी सही उम्र का आईना बन जाती है। इसकी वजह होती है कोलेजन की अनदेखी।
कोलेजन एक किस्म का प्रोटीन है जो सबके शरीर में मौजूद होता है। एक समय तक स्किन खुद इस प्रोटीन को बनाती है। लेकिन उम्र के साथ धीरे-धीरे कोलेजन प्रोटीन बनना बंद हो जाता है, जिसका असर चेहरे पर साफ दिखाई देता है। न सिर्फ चेहरा बल्कि शरीर के कुछ और हिस्सों पर भी कोलेजन की कमी का असर पड़ता है। दूसरे न्यूट्रिएंट्स की तरह कोलेजन प्रोटीन की भरपाई आसान भी नहीं होती है। इसलिए समय रहते इसकी कमी को समझना और उसे पूरा करना बहुत जरूरी होता है।
कोलेजन प्रोटीन तीन तरह का होता है। वन, टू और थ्री। जिसमें टू के मुकाबले कोलेजन वन और थ्री काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। कोलेजन थ्री स्किन के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करता है। जिसमें बंधकर कोलेजन वन स्किन में कसावट लाता है। कोलेजन एक किस्म का कॉम्प्लेक्स प्रोटीन है, जो स्किन को यंग रखता है।
कोलेजन प्रोटीन की कमी के लक्षण
ये प्रोटीन मूलतः स्किन टाइटनिंग के लिए जिम्मेदार है। स्किन पर जैसे ही एजिंग की लाइन्स दिखें और, आपकी नेचरली टोन्ड त्वचा झूलती हुई नजर आए तब ये समझ जाएं कि कोलेजन घटने लगा है।
कोलेजन की वजह से शरीर की हड्डियां, मांसपेशियां और लिगामेंट भी मजबूत रहते हैं। जब ये प्रोटीन शरीर में घटता है तो जोड़ों में दर्द, मसल्स में तकलीफ भी शुरू हो जाती है।
कोलेजन को रिस्टोर करने के तरीके
कोलेजन रिस्टोर करने के लिए फेशियल मसाज बहुत जरूरी है, जिससे चेहरे में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और स्किन में कसावट बनी रहती है।
कोलेजन क्रीम का भी उपयोग कर सकते हैं। जब ऐसा लगे कि स्किन में कोलेजन कम हो रहा है तब ये काफी काम आती हैं और स्किन टाइटनिंग में मदद करती है।
विटामिन सी क्रीम भी कोलेजन को रिस्टोर करने में कारगर हो सकती हैं। इससे स्किन ग्लो भी बढ़ता है।
कोलेजन को रिस्टोर करने के लिए खूब पानी पीना भी जरूरी है। साथ ही ज्यादा स्मोकिंग की आदत हो तो उसे भी बदल देना बहुत जरूरी है।
डाइट के जरिए भी कोलेजन को काफी हद तक मेंटेन कर सकते हैं। इस प्रोटीन के लिए खाने में अंडे और कुछ नॉनवेज शामिल किया जा सकता है। स्किन सहित चिकन खाने वालों को कोलेजन प्रोटीन मिलता है। इसके अलावा सेलमन फिश भी कोलेजन प्रोटीन की कमी पूरी करती है।
वेजिटेरियन डाइट में ऐसी चीजें चुनी जानी चाहिए जिनमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी हो। ब्रोकली, आलू और गोभी जैसी सब्जियों के अलावा फलों में अमरूद, स्ट्रॉबेरी, पपीता, अनानास, संतरा और किवी खा सकते हैं। नींबू का जूस या टमाटर का सूप भी डाइट में शामिल किया जा सकता है।