शादियों और तरह-तरह की पार्टियों में तंदूरी रोटी की मौजूदगी जरूर देखी जाती है. तंदूरी रोटी शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही प्रकार के व्यंजनों जैसे- दाल, कढ़ाई पनीर, अंडे की करी और चिकन कोरमा आदि के साथ एकदम फिट बैठती है. तंदूरी रोटी खाने में लज़ीज़ लगती है, इसलिए लोग इसका चाव से सेवन करते हैं. लेकिन क्या ये स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है या नहीं? आइए जानते हैं...तंदूरी रोटी में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है. एक कप मैदे में 455 कैलोरी होती है. इसका मतलब है कि एक तंदूरी रोटी में लगभग 120 कैलोरी होती है. इसमें प्रोटीन तो होता है, लेकिन आपकी कुल दैनिक जरूरत का सिर्फ 6 प्रतिशत हिस्सा प्रदान करता है. ज्यादातर लोग रेस्टोरेंट से तंदूरी रोटी ऑर्डर करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेस्टोरेंट में बनी तंदूरी रोटी स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुंचा सकती है.
रेस्टोरेंट में बनी तंदूरी रोटी सेहत के लिए खराब क्यों?
रेस्टोरेंट में बनी तंदूरी रोटी बटर और अनहेल्दी फैट से भरपूर होती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मैदा आपके आंत के स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है. मैदे का लगातार सेवन करने से इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, डाइजेशन से जुड़ीं समस्याएं, कब्ज, ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी कई बीमारियों का खतरा पैदा हो सकता है.
रेस्टोरेंट से तंदूरी रोटी ऑर्डर क्यों नहीं करनी चाहिए?
1. डायबिटीज का खतरा: रेस्टोरेंट से मंगाई जाने वाली तंदूरी रोटी में कई अनहेल्दी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हें खाने से आपका बल्ड शुगर लेवल बढ़ सकता है और जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है, उन्हें ये बीमारी हो सकती है. रेस्टोरेंट से मंगाकर तंदूरी रोटी इसलिए भी नहीं खानी चाहिए क्योंकि इसमें हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है.
2. दिल की बीमारी का जोखिम: एक रेस्टोरेंट में तंदूरी रोटी तंदूर में बनाई जाती हैं, जो लकड़ी, कोयले या चारकोल पर स्थापित की जाती है. ये वायु प्रदूषण का कारण बनती है और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ाती है. ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक, ठोस ईंधन जैसे- लकड़ी, कोयला और चारकोल में पकाया गया भोजन खाने से न सिर्फ वायु प्रदूषण होता है, बल्कि दिल की बीमारी का जोखिम भी बढ़ सकता है. जो लोग भोजन पकाने के लिए ठोस ईंधन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर या स्ट्रोक से मरने का खतरा 12 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.
3. वजन बढ़ने और मोटापे का रिस्क: रिफाइंड आटे का सेवन करने से मोटापा बढ़ने का रिस्क पैदा हो सकता है. रिफाइंड आटा शरीर में फैट को बढ़ावा देने का काम करता है और फैट ऑक्सीडेशन को बाधित करता है.
4. स्ट्रेस और डिप्रेशन: रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का ज्यादा सेवन करने से स्ट्रेस, डिप्रेशन और कई मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स का रिस्क पैदा होता है. रिफाइंड आटा सूजन को भी बढ़ावा देता है. यही वजह है कि तंदूरी रोटी के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए