किडनी हमारे शरीर की सफाई करती हैं, इसलिए इन्हें हैल्दी रखना बहुत जरूरी है। अगर किडनी खराब हो जाती है, तो खून में गंदगी बढ़ने लगती हैं। ये गंदगी शरीर के अलगअलग अंगों को नुकसान पहुंचाने लगती है और मरीज की जान भी जा सकती है। डैमेज होने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट करवाना पड़ सकता है। जिसमें हैल्दी किडनी लगाई जाती है, जिसके फिल्टर (ग्लोमेरु लस) सही हों। गुर्दे के यही फिल्टर शरीर से गंदगी निकालने में मदद करते हैं। इसलिए कुछ फूड को खाने से बचना चाहिए, वरना किडनी बहुत जल्दी खराब हो सकती हैं।
फिल्टर खराब होने से बढ़ती हैं ये गंदगी
– यूरिक एसिड
– अमोनिया
– यूरिया
– क्रिएटनिन
– अमिनो एसिड
– सोडियम
– अतिरिक्त पानी
किडनी को नुकसान पहुंचाता है केला:
अगर आपको गुर्दे की बीमारी है तो केले का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इसमें काफी पॉटैशियम होता है, जिसकी अधिक मात्रा किडनी के फिल्टर को खराब कर सकती है।
छिलके समेत आलू खाना:
रिसर्च कहती है कि आलू में पॉटैशियम की काफी ज्यादा मात्रा होती है। जिसका बहुत बड़ा हिस्सा छिलके से आता है। इसलिए इस फूड को छिलके समेत खाने से बचना चाहिए। वरना धीरे-धीरे किडनी खराब हो सकती हैं।
चकन ब्रेस्ट:
चकन ब्रेस्ट में प्रोटीन बहुतायत मात्रा में होता है, लेकिन इसके साथ पॉटैशियम भी होता है। इसलिए खराब किडनी के मरीज इसका सेवन करने से बचें और हैल्दी व्यक्ति भी कंट्रोल में खाए।
दूध और दही:
दूध या उससे बने दही जैसे उत्पादों में भी गुर्दा खराब करने वाला यह तत्व मौजूद होता है। इसलिए किडनी के मरीजों को इनका सेवन कम से कम करना चाहिए। डेयरी प्रॉडक्ट से हमें दिन की जरूरी मात्रा का करीब एक चौथाई हिस्सा आराम से मिल जाता है।
टमाटर से बढ़ता है पॉटैशियम टमाटर या उसका पेस्ट सीमति मात्रा में खाना चाहिए। क्योंकि, यह शरीर में गुर्दा खराब करने वाला पॉटैशियम को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। एक मध्यम आकार के टमाटर में करीब 290 मिलीग्राम पॉटैशियम होता है।
दाल:
पेट और सेहत के लिए दाल काफी अच्छी होती हैं, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा किडनी के फिल्टर के लिए बिल्कुल अच्छी नहीं होती। 1 कप पकी हुई दाल से करीब 730 मिलीग्राम पॉटैशियम मिलता है।