क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड होम्योपैथी डे

Update: 2023-04-09 15:42 GMT
दुनियाभर में 10 अप्रैल के दिन विश्व होम्योपैथी दिवस (World Homoeopathy Day) हर साल मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य बस इतना है कि लोगों को होम्योपैथी के लिए जागरुक करना है. दुनिया के लगभग 100 देशों में मरीजों का होम्योपैथी इलाज हो रहा है. होम्योपैथी पद्धति में दवाई फायदा करती है और अगर नहीं की तो नुकसान भी नहीं होते हैं. इसकी दवाईयां सस्ती आती हैं और इसे बनाने में ज्यादा लागत भी नहीं लगती है. आज के समय में होम्योपैथी से जटिल से जटिल बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है. चलिए आपको इससे जुड़ी तमाम बातें बताते हैं.
वर्ल्ड होम्योपैथी डे क्यों मनाते हैं? (World Homeopathy Day Importance)
होम्योपैथी एक यूनानी शब्द है जिसे होमो और पैथोस को तोड़कर बनाया गया है. होमो का मतलब समान और पैथोस का मतलब दुख या बीमारी होता है. केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के मुताबिक, यह चिकित्सा का एक ऐसा वैकल्पिक रूप है जो समरूपता दवा सिद्धांत पर आधारित होता है. इस पद्धति में रोगियों का उपचार ना सिर्फ होलिस्टिक दृष्टिकोण के जरिए होता है बल्कि रोगी की व्यक्तिवादी विशेषताओं को भी समझकर करते हैं. विश्व होम्योपैथी दिवस मनाने के पीछे का लक्ष्य ये है कि चिकित्सा की ऐसी अलग प्रणाली के बारे में जागरुकता पैदा करना है जो आसानी से हो सकती है. लोगों तक होम्योपैथी की हर जानकारी रहेगी तो वो इसका इलाज कराने में दुविधा में नहीं रहेंगे. हर साल भारत सरकार एक थीम जारी करती है और इस साल की थीम ‘Homoeopathy: People’s Choice for Wellness’ है.
कौन थे फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन (Who was Friedrich Samuel Hahnemann)
10 अप्रैल 1755 को फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन का जन्म हुआ था. वे जर्मनी के रहने वाले थे और मशहूर डॉक्टर थे. उनका निधन 2 जुलाई 1843 को फ्रांस में हुआ था. इनका बचपन काफी गरीबी में बीता था क्योंकि इनके पिता स्ट्रीट पेंटर थे और ज्यादा आमदनी नहीं थी. फिर भी उन्होंने अपने बेटे हैनीमैन को पढ़ाया और उन्होंने एमडी डिग्री प्राप्त करी और वे एलोपैथी चिकित्सा विज्ञान के अच्छे जानकार थे. ऐसा माना जाता है कि होम्योपैथी की खोज उन्होंने ही की थी. उन्होंने दुनिया को होम्योपैथी के फायदों के बारे में लोगों को बताया और बताया कि भविष्य में बहुत से लोग इसपर विश्वास करेंगे. ऐसा संभव हो पाया और 10 अप्रैल के दिन वर्ल्ड होम्योपैथी डे उनकी ही याद में मनाया जाता है और लोगों को इस दिन होम्योपैथी के प्रति जागरुक किया जाता है.
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