क्यों ज़रूरी है नमक पर नियंत्रण?

Update: 2023-06-27 15:48 GMT
ज़्यादा नमक यानी हाई ब्लड प्रेशर को न्यौता
ब्लड प्रेशर बढ़ने पर डॉक्टर नमक की मात्रा कम करने कहते हैं, क्योंकि जैसे ही शरीर में सोडियम क्लोराइड यानी नमक की मात्रा बढ़ जाती है हमारी धमनियों में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है. यह बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह धमनियों और दिल पर दबाव डालता है. ब्लड प्रेशर ही नहीं, दिल की बीमारियां भी आपको चपेटे में ले सकती हैं.
किडनी पर होता है असर
इन दिनों युवाओं में किडनी से जुड़ी समस्याओं के बढ़ते मामले नमक की अधिकता से जुड़े हैं. दरअस्ल, ज़्यादा नमक खाने से किडनी में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है. इससे किडनी में पथरी होने यानी किडनी स्टोन की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बेहतर यही होगा कि आज से ही खाने में नमक की मात्रा थोड़ा कम कर दें. शुरुआत में खाना फीका लगेगा, फिर आदत पड़ जाएगी.
बढ़ता है टाइप 2 डाइबिटीज़ का ख़तरा
स्वीडन के इंस्टिट्यूट ऑफ़ एन्वायरन्मेंटल मेडिसिन के एक रिसर्च के मुताबिक़ जो लोग हर दिन तकरीबन 7.3 ग्राम नमक का सेवन करते हैं, इनमें उन लोगों के मुक़ाबले डायबिटीज़ का ख़तरा ज़्यादा होता है, जो हर दिन 6 ग्राम तक नमक का सेवन करते हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि नमक में मौजूद सोडियम इंसुलिन प्रतिरोध पर सीधा असर डालता है. इसके चलते टाइप २ डाइबिटीज़ होने का ख़तरा ४३% तक बढ़ जाता है.
हो सकता है वॉटर रीटेंशन यानी शरीर में पानी का जमाव
शरीर में नमक की मात्रा ज़्यादा होने पर पानी का जमाव यानी वॉटर रीटेंशन बढ़ जाता है. इससे हाथ, पैर और चेहरे में सूजन बढ़ आ जाती है.
यूं करें नमक का सेवन कम
सबसे पहले खाने में नमक की मात्रा कम करे दें. डिब्बाबंद वस्तुओं का सेवन कम कर दें. सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक, काला नमक और चाट मसाला आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं. सोडियम की मात्रा संतुलित करने के लिए डायट में पोटैशियम की अधिकतावाली चीज़ें शामिल करें, जैसे-ताज़े फल और सब्ज़ियां. डायनिंग टेबल से सॉल्ट शेकर हटा दें, क्योंकि तब चाहे-अनचाहे खाने में ऊपर से नमक छिड़क ही लेते हैं. शाम के नाश्ते में चिप्स और समोसे की जगह फल, सब्ज़ियां और लो कैलोरी डेयरी प्रॉडक्ट्स खाएं.
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