एक लड़का और लडकी दोस्त हो यह आम बात है लेकिन समाज मे इस रिश्ते को गलत ही समझ जाता है I क्यों की वह इस रिश्ते को गलत नज़रिए से देखते है I एक लड़के और लडकी का दोस्त होना यह जरूरी नही की वह गलत रिश्ते मे है और अपने साथ साथ माँ बाप का नाम भी खराब कर रहे है I यह बस सोच का फर्क होता है जिसे समझना कोई नहीं चाहता है I
दोस्ती एक विश्वास पर टिकी रहती है I एक बार के लिए खून का रिश्ता कमजोर पड जाता है पर दोस्ती का रिश्ता कमजोर नहीं पड़ता है I न जाने फिर भी इस रिश्ते को गलत समझ जाता है I गलत समझने के पीछे कारण होता है की एक लड़का और लडकी का आपस मे मिलना, साथ मे रहना, बोलना समाज के के नियमों के विरुद्ध है I समाज नहीं चाहता है की इन दोनों का रिश्ता दोस्ती का हो I
यह जरूरी नहीं की हर कोई इस रिश्ते मे प्यार ही करे I अगर सच्ची दोस्ती है तो उसे समझने की जरूरत नहीं होती है I ऐसे कई लोग होते है जो सिर्फ दोस्त ही होते है उनके बीच मे कोई नाजायज़ रिश्ता नहीं होता है I यह रिश्ता आकर्षण से शुरू होता है I लेकिन शुरुआत तो दोस्ती से ही होती है I यह कहा लिखा होता है एक आदमी और औरत का रिश्ता सिर्फ पति और पत्नी का होता है I पति पत्नी बनने से पहले वह भी दोस्त ही होते है I जिस रिश्ते मे दोस्ती है वो रिश्ता अपने आप मे मज़बूत होता चला जाता है I सिर्फ नजरिया अच्छा होना चाहिए I नजरिया ही हमे इन्सान की सोच के बारे मे बताता है I
इस रिश्ते को गलत समझने के पीछे भी कई कारण होते है की लोग इस रिश्ते की आड़ मे गलत काम करते है वह इस रिश्ते का मजाक बना के रख देते है I हां हम यह मानते है की पढ़े लिखे दोस्ती का मतलब दोस्ती है इसके आगे और कुछ नहीं I दोस्त वो है जो हमे किसी भी मुसीबत मे अकेला छोड़कर नहीं जायेगा I जरूरत इस रिश्ते की गहराई मे जाने की है I इस रिश्ते को समझना बहुत ही आसन है बस इस रिश्ते मे न तो दरार डाले और नहीं शक करे I यह रिश्ता हर रिश्ते से ज्यादा खुबसुरत है I