क्यों होता है बालों का रंग काला और समय के साथ सफेद क्यों होने लगते हैं? जानें इसका पीछे का कारण
भारतीय उपमहाद्वीप में अधिकतर लोगों के बालों का कुदरती रंग काला होता हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय उपमहाद्वीप में अधिकतर लोगों के बालों का कुदरती रंग काला होता हैं. हमने यह भी देखा है कि बढ़ती उम्र के साथ ही बाल सफेद होने लगते हैं. इसको लेकर लोगों का कहना है कि खान-पान ठीक न होने और प्रदूषण समेत अन्य कारणों से बाल सफेद होने लगते हैं. अब तो औसतन 10-12 साल उम्र के बच्चों के बाल भी सफेद होने लगते हैं. वहीं, कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां लोगों के बालों का कुदरती रंग ब्लॉन्ड, ब्राउन या इन्हीं दोनों के अलग-अलग शेड का होता है.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे बालों का ऐसा रंग क्यों होता है? क्यों काले बाल समय के साथ सफेद होने लगते हैं? क्या सच में हमारे खान-पान और प्रदूषण की वजह से ऐसा हो रहा या किसी तरह के तनाव की वजह से ऐसा होता है? अगर आपने कभी भी इन सवालों के बारे में सोचा है और अब तक इसका जवाब नहीं मिला है तो चिंता मत कीजिए. आज हम आपके लिए इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ लाएं हैं. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है.
क्यों काले होते हैं बाल?
बालों का कुदरती रंग हेयर फॉलिकल में पाए जाने वाले मेलेनिन पिग्मेंट की वजह से होता है. मेलेनिन दो तरह के होते हैं: इयूमेलेनिन और फियोमेलेनिन. सामान्य तौर पर इयूमेलेनिन की वजह से बालों का रंग काला होता है. अगर इयूमेलेनिन की मात्रा कम होगी तो बालों का रंग हल्का होगा. किसी भी व्यक्ति में मेलेनिन का लेवल कम होने के साथ बालों का रंग बदलता भी रहता है. हालांकि, बालों के सफेद या ग्रे होने के पीछे असली वजह उम्र होती है. केमिकल प्रोसेस के जरिए भी बालों का रंग बदला जा सकता है.
बालों का रंग मेलेनिन का प्रकार और मात्रा
काला ज्यादा मात्रा में इयूमेलेनिन
भूरा मध्यम मात्रा में इयूमेलेनिन
ब्लॉन्ड बहुत कम मात्रा में इयूमेलेनिन
लाल फियोमेलेनिन की ज्यादा मात्रा के साथ कम मात्रा में इयूमेलेनिन
जीन भी होते हैं जिम्मेदार
अमेरिका के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ने एक रिसर्च में कहा है कि किसी व्यक्ति में मेलेनिन का प्रकार उनके जीन द्वारा ही तय होता है. हालांकि, इसके पीछे जिम्मेदार जीन्स के बारे में बहुत कम जानकारी है. अभी तक इंसानों में बालों के रंग के पीछे जिम्मेदार जीन MC1R के बारे में ही थोड़ी बहुत जानकारी मिलती है.
क्यों सफेद होते हैं बाल?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक रिसर्च में कहा गया है कि हेयर फॉलिकल से बाल निकलने के साथ ही उसका रंग तय हो जाता है. एक बार किसी फॉलिकल से बाल निकलने शुरू हो जाते हैं तब से उसके रंग में कोई बदलाव नहीं होता है. लेकिन समय के साथ यह फॉलिकल कम कलर प्रोड्यूस करते हैं. ऐसे में जब इन फॉलिकल्स से बालों का प्राकृतिक रूप से दोबारा ग्रोथ होता है, तब इस बात की संभावना होता है कि वहां से सफेद बाल ही निकले.
उम्र के साथ सफेद होने लगते हैं बाल
इस रिसर्च में यह भी कहा गया है कि बढ़ती उम्र के साथ बालों का रंग सफेद होने लगता है. हालांकि यह कब शुरू होता है और कितने बाल सफेद होंगे, ये अलग-अलग बातों पर निर्भर करता है. माना जाता है कि बालों का सफेद होना वंश के आधार पर भी होता है और कुछ हद तक एथनिक ओरिजिन पर भी निर्भर करता है. कुछ हद तक यह बाहरी कारणों पर भी निर्भर करता है.