क्यों फॉलिक एसिड है जरूरी, जानिए कितनी मात्रा में करना चाहिए इसका सेवन

आपने कभी इस बात पर गौर किया होगा कि गर्भावस्था के दौरान अधिकतर स्त्रियां डॉक्टर की सलाह पर फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट का सेवन करती हैं।

Update: 2021-09-21 06:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आपने कभी इस बात पर गौर किया होगा कि गर्भावस्था के दौरान अधिकतर स्त्रियां डॉक्टर की सलाह पर फॉलिक एसिड के सप्लीमेंट का सेवन करती हैं। अब सवाल यह उठता है कि इसे गर्भवती स्त्रियों के लिए जरूरी क्यों माना जाता है? दरअसल यह पोषक तत्व गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास में मददगार होता है। इसकी कमी से नवजात शिशु में कुछ जन्मजात विकृतियां हो सकती हैं। स्त्रियों में प्रीमेच्योर डिलीवरी मिसकैरेज की भी आशंका बढ़ जाती है।

क्या है भूमिका

फॉलिक एसिड वास्तव में विटामिन बी का ही एक रूप है। इसे विटामिन बी-9 भी कहा जाता है। यह पानी में घुलनशील होने के साथ शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने और नए सेल्स बनाने में भी मददगार होता है। आमतौर पर इस पोषक तत्व की पूर्ति रोजाना के भोजन से हो जाती है, पर जिन लोगों का खानपान नियमित होता है, उनके शरीर में इसकी कमी भी हो सकती है। इससे लोगों में तनाव और बाल झड़ने जैसी परेशानियां भी होती हैं। इसकी कमी से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की भी समस्या भी हो सकती है। यह पोषक तत्व कैंसर और किडनी संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करता है। भोजन को पचाने में भी यह पोषक तत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

क्यों होती है कमी

खानपान संबंधी गलत आदतों के कारण ऐसी समस्या हो सकती है। एल्कोहॉल का अधिक सेवन और कुछ खास तरह की दवाों के साइड इफेक्ट से भी शरीर में इसकी कमी हो सकती है। जो लोग हरी सब्जियों और फलों को अपनी डाइट में शामिल नहीं करते, उनके शरीर में भी आयरन और फॉलिक एसिड की कमी के कारण हेमोलिटिक एनीमिया की समस्या हो सकती है।

प्रमुख लक्षण

फॉलिए एसिड की कमी से हमेशा थकान, कमजोरी, सांस फूलना, चिड़चिड़ापन, कब्ज, भोजन में अरुचि, वजन घटना, लूज़ मोशन, सिरदर्द, मुंह में छाले और असमय बाल सफेद होने जैसे लक्षण नजर आते हैं। शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं घटने लगती हैं।

कैसे मिलेगा पोषण

हरी पत्तेदार सब्जियों, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, ड्राई फ्रूट्स, पपीता, केला, संतरा, एवाकाडो, बींस, मटर, चुकंदर, अंडे और सी फूड में पर्याप्त मात्रा में फॉलिक एसिड पाया जाता है। मकई का आटा, दलिया और चावल भी इसका प्रमुख स्त्रोत है। अगर डाइट में इन चीज़ों को शामिल करने के बाद भी शरीर में फॉलिक एसिड की कमी हो तो डॉक्टर सप्लीमेंटस का सेवन करने की सलाह देते हैं। वैसे आमतौर पर स्वस्थ खानपान से शरीर को इसका पोषण मिल जाता है। इसकी अघिकता से व्यक्ति को बेचैनी औ पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना स्वयं इसका सेवन न करें।


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