पीरियड्स के दौरान क्यों होते हैं महिलाओं को मूड स्विंग्स, जानें फैक्ट्स
पीरियड्स को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती हैं। इसको लेकर ज्यादातर महिलाएं कंफ्यूज रहती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पीरियड्स को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती हैं। इसको लेकर ज्यादातर महिलाएं कंफ्यूज रहती है, लेकिन फिर भी खुल कर बात करने से कतराती हैं, यही वजह है कि दूसरों की सुनी बातों पर आसानी से विश्वास करती हैं। हर महीने होने वाले पीरियड्स को लेकर महिलाओं में जो कॉमन सवाल होता है वह है कि आखिर ये क्यों होते हैं और इस दौरान संबंध बनाना सही है या फिर गलत। हम यहां इससे जुड़े कुछ फैक्ट्स बता रहे हैं जो आपकी कंफ्यूजन को आसानी से दूर करेंगे।
क्यो होते हैं पीरियड्स
महिलाओं की ओवरी में एक अंडा होता है जो समय के साथ मैच्योर होता है, ये दोनों में से किसी भी ओवरी में हो सकता है। मैच्योर होने के बाद ये यूटरन ट्यूब के रास्ते नीचे यूटरस यानी गर्भाश्य में आने लगता है। यहां अगर इसे स्पर्म मिल जाता है, तो ये फर्टीलाइज करता है। इसी दौरान यूटरस प्रेग्नेंसी की तैयारी में लग जाती है। फर्टीलाइज किए अंडे का स्वागत करने के लिए ये मुलायम कोशिकाएं बनाने लगती है, लेकिन जब स्पर्म नहीं मिलता है तो इन कोशिकाओं की कोई जरुरत नहीं होती ऐसे में इन कोशिकाओं और उस अंडे को शरीर से बाहर निकलना पड़ता है। यही है हर महीने होने वाली ब्लीडिंग।
कैसे आते है पीरियड?
पीरियड्स के दौरान शरीर में कई तरह के होर्मोन ऊपर नीचे हो रहे होते हैं। इनमें चार होर्मोन सबसे कॉमन हैं। जैसे एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रोन, एलएच और एफएसएच। अंडा जब ओवरी को छोड़ कर यूटरस में जाता है उससे ठीक पहले शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा तेजी से बढ़ जाती है। इसी के कारण गर्भाश्य में नई कोशिकाएं बन जाती हैं और इसी के कारण हम अचानक एनर्जेटिक महसूस करने लगते हैं। अंडे के ओवरी से निकलने के बाद प्रोजेस्ट्रोन की मात्रा बढ़ती है और ये सुनिश्चित करता है कि यूटरस में जो टिशू बने हैं वो सुरक्षित रहे। इस दौरान वह एस्ट्रोजन से लड़ भी रहा होता है कि वह और टिशू बनना बंद करे, नहीं तो वह कैंसर में तब्दील हो जाएंगे। एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ती देख एलएच भी सक्रिए हो जाता है। एक तरह से एल एच ही अंडे को धक्का देता है ताकि वह ओवरी से निकलकर यूटरस में पहुंच सके। इन सब के बाद एफएसएच अपना काम शुरू करता है और नया अंडा बनाने का काम शुरू करता है। ऐसे में एस्ट्रोजन की मात्रा फिर बढ़ती है और गर्भाश्य में कोशिकाएं भी।
पीरियड में क्यों होते हैं मूड स्विंग्स
होर्मोन के कारण कई लड़कियों को प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम (PMS) का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ लड़कियों को ब्रेस्ट में दर्द, चेहरे पर मुहांसे, थकान, रोने का मन, चिड़चिड़ा पन महसूस होता है। ये सब कुछ होर्मोन के कारण होता है। इस दौरान पेट का फूलना और गैस का होना आम बात है, वहीं कई महिलाओं को पीरियड्स के समय पेट खराब रहने की समस्या भी होती है।
पीरियड्स के दौरान पार्टनर के साथ संबंध?
पीरियड्स को लेकर कई तरह की बातें सामने आती हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस दौरान संबंध बनाने से पुरुष नपुंसक हो सकते हैं। हालांकि ये पूरी तरह गलत है। हां, अगर आप बिना प्रोटेक्शन के संबंध बनाते हैं तो आपको इंफेक्शन हो सकता है। हालांकि, ये नॉर्मल दिनों में भी होना संभव है।
पीरियड्स में क्या कर सकते हैं? (Periods mein kya kar Sakte hain)
कुछ महिलाओं को इस समय में बहुत दर्द होता है। हालांकि अगर आप इस दौरान पूरी तरह ठीक हैं तो आप सब कुछ कर सकती हैं जैसे पढ़ना, दोस्तों से मिलना, काम, जॉगिंग, मूवी और सेक्स।