क्यों होते है लोग डिप्रेशन के शिकार
कई बार हार्मोन में बदलाव जैसे प्रसव, रजोनिवृत्ति या मेनोपोज और थायरॉइड की समस्या आदि के कारण अवसाद हो जाता है।
अगर किसी व्यक्ति में दुःख, अप्रसन्नता, लाचारी और निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती है तो यह डिप्रेशन नामक मानसिक रोग का संकेत हो सकता है। डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है लेकिन यह रोगी को शारीरिक रूप से भी प्रभावित करती है जैसे दुबलापन या मोटापा होना, थकावट होना, हमेशा सिर में दर्द होना और हार्ट डिजीज इत्यादि। जिस कारण कई बार मरीज इन शारीरिक लक्षणों का इलाज करवाने के लिए भटकते रहता हैं।
WHO के अनुसार दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ से ज़्यादा लोग डिप्रेशन की समस्या से ग्रस्त है, जिसमें से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक हैं। भारत में यह आंकड़ा 5 करोड़ से ज़्यादा है जो कि एक बहुत गंभीर समस्या है। सामान्यत डिप्रेशन किशोरावस्था या 30 से 40 साल की उम्र में शुरू होता है लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। लक्षणों की संख्या और तीव्रता के आधार पर डिप्रेशन के अलग–अलग प्रकार होते है जो कि माध्यम से लेकर बहुत गंभीर भी हो सकते है, जिनके सफल इलाज के लिए गहन परीक्षण ज़रूरी है इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि डिप्रेशन क्या है तो आइए विस्तार में जाने हमारे इस आर्टिकल से डिप्रेशन के कारण उपाय और इलाज के बारे में ।
डिप्रेशन के कारण ( causes of depression in hindi )
जीवन में कोई बड़ा परिवर्तन आना जैसे असफलता, संघर्ष, किसी पारिवारिक सदस्य या प्रियजन को खो देना, कोई दुर्घटना होना या आर्थिक समस्या होना जैसे गंभीर बदलाव के कारण तनाव हो जाता हैं।
अवसाद यानी तनाव का कारण अनुवांशिकी भी हो सकता है यानी अगर आपके परिवार में पहले से अवसाद की समस्या रही हो तो अगली पीढ़ी को भी यह समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है।
कई बार हार्मोन में बदलाव जैसे प्रसव, रजोनिवृत्ति या मेनोपोज और थायरॉइड की समस्या आदि के कारण अवसाद हो जाता है।
कई लोगों को मौसम में परिवर्तन के कारण भी अवसाद हो जाता है। जैसे सर्दियों में जब दिन छोटे होते हैं या धूप नहीं निकलती तो सुस्ती, थकान और उदासी के साथ रोजमर्रा के कार्यों में भी मन नहीं लगता हैं लेकिन यह स्थिति सर्दियां खत्म होने पर ठीक हो जाती हैं।
डिप्रेशन के लक्षण ( symptoms of depression in hindi )
दिन भर उदासी महसूस होना।
स्वयं को अयोग्य और दोषी मानना।
ध्यान केंद्रित करने तथा फैसले लेने में कठिनाई होना।
हमेशा कमजोरी एवं थकान महसूस करना।
व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होना।
हर रोज बहुत कम या बहुत अधिक सोना।
आलस्य एवं बैचेनी महसूस होना।
अचानक से वजन का बढ़ना या कम हो जाना।
हमेशा मृत्यु या आत्महत्या के विचार आना।
अकेले रहना पसंद करना।
छोटी छोटी बात पर बहुत अधिक गुस्सा करना आदि।
डिप्रेशन से बचाव के लिए इन विशेष बातों का ध्यान दें
डिप्रेशन के प्रभाव से बचने के लिए आपको अपने आहार एवं जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने बेहद जरुरी होते हैं।