विदाई के समय पीछे की तरफ चावल क्यों फेंकती हैं दुल्हनें, जानिए इसका महत्व

Update: 2022-11-30 10:21 GMT
 
शादी का सीजन शुरू हो चुका है। शादी की रस्मों का भी अपना एक अलग महत्व होता है। हर धर्म और कल्चर की अपनी अलग अलग रस्में होती हैं। हिंदू धर्म में कई रिती रिवाज (customs and traditions) ऐसे हैं तो लगभग सभी कल्चर में एक जैसे हैं। उन्हीं में से एक है लड़की की विदाई। आपने अक्सर देखा होगा की लड़की अपनी विदाई के समय पीछे की तरफ अपने घर में चावल फेंकते हुए जाती है। लेकिन. क्या आप जानते हैं इस रस्म का क्या महत्व है क्यों ऐसा किया जाता है। आखिर दुल्हन ही चावल ही फेंकती है।
विदाई में चावल फेंकने की रस्म
दुल्हन की विदाई (Farewell) शादी में सबसे भावुक पल होता है। इस दिन एक लड़की अपने पिता का घर छोड़कर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए अपने पति के घर जाती है। दुल्हन जब विदा होती है और अपने घर की दहलीज पार करती है तो उसके परिवार चावल से भरा छाल लेकर दहलीज पर खड़े होते हैं। इन चावलों को दुल्हन अपने दोने हाथ में भरकर पीछे की तरफ फेंकती है। कहा जाता है कि इस दौरान दुल्हन को पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। इस रसम को पांच बार किया जाता है। पीछे लड़की की मां या कोई अन्य महिला अपने पल्लू में चावल को समेट लेती है। इन चावलों को दुल्हन के आशीर्वाद के रूप में संभालकर रखा जाता है। दरअसल, बेटी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि जब दुल्हन पीछे की तरफ चावल फेंकती हैं तो वह दुआ करती है कि उसके मायके में सुख समृद्धि बनी रहे। दरअसल, एक लड़की ऐसा अपने मायके में खुशहाली बनी रहे इसके लिए ऐसा करती है। मान्यताओं के अनुसार, दुल्हन चावल के रुप में अपने घर वालों को दुआएं देकर जाती है। साथ ही हिंदू धर्म में चावल को सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए दुल्हन से विदाई के समय चावल पीछे की तरफ फेंकने की रस्म निभाई जाती है।

 Source : Uni India

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