गर्मियों में क्यों अधिक आते है किडनी स्टोन के मामले?

गर्मियों का मौसम अपने साथ कई सारी प्रॉब्लम्स लेकर आता है। वहीं, शोध की मानें तो गर्मी में किडनी स्टोन के मामलों में भी काफी वृद्धि देखने को मिलती है।

Update: 2022-04-04 13:59 GMT

गर्मियों का मौसम अपने साथ कई सारी प्रॉब्लम्स लेकर आता है। वहीं, शोध की मानें तो गर्मी में किडनी स्टोन के मामलों में भी काफी वृद्धि देखने को मिलती है। गुर्दे की पथरी किडनी और मूत्राशय को जोड़ने वाली ट्यूब है, पीठ के निचले हिस्स और कमर में दर्द का कारण बन सकती है। आखिर, गर्मियों में किडनी स्टोन की समस्या ज्यादा क्यों होती है और इससे कैसे निजात पाई जाए। आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में जानकारी देंगे।

गर्मियों में क्यों अधिक आते है किडनी स्टोन के मामले?
लगभग 80% गुर्दे की पथरी मुख्य रूप से कैल्शियम आधारित होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि मनुष्य का शरीर सर्दियों में मूत्र में अधिक कैल्शियम का उत्पादन करता है। यूरिन में बहुत अधिक कैल्शियम होने से गुर्दे की पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। हाई कैल्शियम की स्थिति को हाइपरकैल्स्यूरिया भी कहा जाता है।
जब गर्मी का मौसम आता है तो तापमान में वृद्धि और निर्जलीकरण के कारण पत्थरों का विकास होता है जो सर्दियों के महीनों में बनते हैं। ऐसे में जब आप कोई फिजिकल एक्टिविटी करते हैं तो यह कैल्शियम यानि पथरी अचानक हिल जाती है। पथरी का आकार नमक के दाने जितना छोटा से लेकर गोल्फ की गेंद जितना बड़ाहो सकता है। स्टोन जितना छोटा होगा, उसे बिना सर्जरी निकालने की संभावना भी उतनी ही बड़ी होगी।
गुर्दे में पथरी के लक्षण
गुर्दे की पथरी में दर्द तब होता है जब 2 से 3 मिमी चौड़ी पथरी उसमें फंस जाती है। इसके कारण पीठ के निचले हिस्से या कमर में तेज दर्द होता है। इसके अलावा
. मतली और उल्टी
. यूरिन से खून आना
. बुखार और ठंड लगना
. रुक-रुक कर पेशाब आना
कैसे किडनी की पथरी से खुद को बचा सकते हैं
. नमक व कैफीन का सेवन कम करें क्योंकि इससे यूरिन में अधिक कैल्शियम बनता है।
. अधिक से अधिक पानी पीएं, ताकि बॉडी व किडनी डिटॉक्स हो। डाइट में लिक्विड चीजें जैसे छाछ, लस्सी, जूस, नींबू पानी अधिक लें।
. डाइट में मैग्नशियम से भरपूर फूड्स जैसे एवोकाडो, डार्क चॉकलेट, कददू के बीज, दही, मछली, केला, बादाम, स्‍ट्रॉबेरी आदि अधिक लें।


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