आखिर क्यों एक ही शेप के होते हैं ब्रा के हुक, जानें इसके पीछे का लॉजिक
जानें इसके पीछे का लॉजिक
ब्रा का इस्तेमाल लगभग हर महिला करती है और कई मामलों में ब्रा पहनना जरूरी भी होता है, लेकिन इसे पहनना और ना पहनना आपकी अपनी च्वाइस पर निर्भर करता है। आजकल मार्केट में अलग-अलग तरह की ब्रा आती हैं और इनका इस्तेमाल भी अलग-अलग ओकेजन पर किया जा सकता है, लेकिन एक कॉमन बात जो लगभग हर ब्रा में देखी जाती है वो ये है कि इनके पीछे एक ही जैसे शेप और साइज के तीन हुक्स की लेयर लगी होती है।
अगर फ्रंट क्लोजर ब्रा को भूल जाएं तो बैक क्लोजर ब्रा के साथ अधिकतर यही होता है। पतले स्ट्रैप वाली ब्रा में सिंगल हुक होता है, लेकिन वो भी तीन लेयर में ही होता है। पर क्या कभी आपने इसके पीछे का लॉजिक जानने की कोशिश की है कि आखिर ये क्यों होता है और इसका शेप इसतरह (आर्क स्टाइल या रेक्टेंगल) में ही क्यों होता है।
ब्रा का इस्तेमाल इतना होता है फिर भी उसके बारे में जुड़ी जानकारी लोगों को नहीं होती है। तो चलिए आज आपको इसके बारे में बताते हैं और इसके शेप के पीछे का लॉजिक जानने की कोशिश करते हैं।
दरअसल, इसके पीछे का कारण ये है कि महिलाओं की ब्रा का कप साइज और बैंड साइज में अंतर होता है। हर बॉडी अलग होती है और कई बार एक ही कप साइज होने के बाद भी किसी महिला के शरीर में बैक फैट ज्यादा भी हो सकता है जिसकी वजह से हुक्स को एडजस्ट कर सही फिटिंग लाई जा सके।
इसका दूसरा कारण ये होता है कि ब्रा हुक्स जिस पट्टी पर लगे होते हैं वो स्ट्रेचेबल होती है और टाइम के साथ वो ढीली होती जाती है। इसलिए जब नई ब्रा आती है तो उसे सबसे पहले वाले हुक में पहनना चाहिए और समय के साथ-साथ जब ये ढीली होती जाए तो एक-एक रो करके आगे बढ़ना चाहिए। ब्रा का ये फीचर उसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ा देता है और आप इसे काफी समय तक पहन सकती हैं। ऐसे में अगर आपका कप साइज खराब नहीं हुआ है तो आप इसे कई महीने और साल चला सकती हैं।
ध्यान रखें कि अगर लास्ट वाले हुक में लगाने पर भी ये ढीली ही लग रही है तो ये दिखाता है कि आपको ब्रा बदल लेनी चाहिए।
अगर टाइट लग रहा है ब्रा बैंड तो क्या करें? (Bra Designs)
कई बार ऐसा होता है कि हमारा फैट बढ़ने के कारण ब्रा बैंड टाइट लगने लगता है और कप साइज फिर भी ठीक रहता है। ऐसे टाइम में आप ब्रा हुक एक्सटेंडर्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे ब्रा को जल्दी डिस्कार्ड नहीं करना होगा।
उनका शेप इस तरह से क्यों होता है और इसके पीछे का लॉजिक क्या है? दरअसल, इनका शेप आर्क या फिर रेक्टेंगल शेप में होता है जो इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि ये स्ट्रैप से चिपका भी रहे और पीछे की ओर हाथ करके ये आसानी से खोली और बंद की जा सके। यही कारण है कि इसका शेप गोल नहीं होता है।
अगर हम ब्रा साइज की बात करें तो सही साइज की ब्रा वो होगी जिसमें सबसे लूज सेटिंग में भी ब्रेस्ट फर्म रहेंगे और उसका साइज ढीला नहीं लगेगा। यही सबसे बेहतर होगा कि आप अपनी ब्रा के साइज को पहले चेक कर लें। नई ब्रा अगर लूज सेटिंग में भी ढीली ही लग रही है तो उसका बैंड साइज आपके चेस्ट के हिसाब से सही नहीं है।