लाइफस्टाइल : पृथ्वी मनुष्यों के साथ-साथ करोड़ों तरह के जीव जंतुओं का घर है. इस विशाल दुनिया में अब तक सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन के प्रमाण मिले हैं. हालांकि मनुष्यों के लालच ने पृथ्वी के नेचुरल बैलेंस को बिगाड़ दिया है जिसके कारण क्लाइमेंटिक चेंज, ग्लोबल वार्मिंग और पॉल्यूशन जैसी समस्याएं आज चुनौती बन चुकी है. नेचर से हद से ज्यादा छेड़छाड़ पृथ्वी के नेचुरल बैलेंस को बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है. ऐसे में लोगों को पृथ्वी और नेचर के महत्व के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे (World Earth Day) मनाया जाता है.
इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को पृथ्वी के महत्व को समझाना और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक करना है. लोगों को पृथ्वी से जुड़ी पर्यावरण की चुनौतियां क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करना है. आइए जानते हैं वर्ल्ड अर्थ डे का इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम.
वर्ल्ड अर्थ डे का इतिहास
वर्ष 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव के कारण बड़ी संख्या में जीव जंतुओं की मौत हो गई थी. इससे लोगों का ध्यान नेचर के संरक्षण की तरफ गया और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का फैसला किया गया. 1970 में हुई अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन की अपील पर 22 अप्रैल को लगभग दो करोड़ अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस के पहले आयोजन में हिस्सा लिया था. यूएनओ ने 22 अप्रैल को वर्ल्ड अर्थ डे की मान्यता दे दी.
वर्ल्ड अर्थ डे का महत्व
आज पर्यावरण से संबंधित चुनौतियों के कारण जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में लोगों को नेचर और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना जरूरी है. लोगों को अवेयर होने से ही क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग और पॉल्यूशन जैसी समस्याओं का सामना किया जा सकता है. ऐसे समय में वर्ल्ड अर्थ डे के अवसर पर दुनिया भर में कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को इन चुनौतियों को समझने और संरक्षण के उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित करने का अवसर मिलता है.
वर्ल्ड अर्थ डे 2024 की थीम
वर्ष 2024 में वर्ल्ड अर्थ डे की थीम प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक है. इस थीम का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के लिए जल्द से जल्द इसके विकल्प की तलाश करना है.