बीपी लो वाले मरीज को अक्सर चक्कर, बैचेनी और सिर दर्द होने की शिकायत रहती है. लेकिन कभी आपने सोचा है कि लो बीपी और चक्कर आने के बीच क्या कनेक्शन है? ब्लड प्रेशर लो हो जाने के बाद शरीर की गतिविधियां स्लो होने लगती है. सवाल यह उठता है कि किन बातों का ख्याल रखना है जरूरी. सबसे पहला सवाल बीपी लो क्यों होता है और जब लो होता है तो चक्कर क्यों आता है?
बीपी लो होने से चक्कर क्यों आता है
बीपी लो का मतलब है कि इसकी रीडिंग हमेशा दो संख्या में आती है. ऊपर सिस्टोलिक प्रेशर दिखती है जो धमनियों में प्रेशर का माप बताता है. जिसके कारण दिल धड़कता है और उसमें खून भर जाता है. निचली संख्या डायस्टोलिक प्रेशर को मापती. जब दिल की धड़कन को आराम मिलता है तो धमनियों का दबाव बढ़ता है. नॉर्मल बीपी 90/60 mmHg और 120/80 mmHg के बीच में होता है. क्योंकि जब यह कम हो तो बीपी लो माना जाता है.
ब्लड प्रेशर कम होने पर शरीर के दूसरे बॉडी पार्ट तक ठीक से ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं. लो ब्लड प्रेशर के कारण शरीर को झटका लग सकता है. जिसके कारण दिमाग में सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाती है. और चक्कर आने लगता है. जिसे पोस्टुरल हाइपोटेंशन कहा जाता है.
बीपी लो में चक्कर आए तो क्या करें?
बीपी लो के मरीज को अगर बार-बार चक्कर आ रहा है तो उन्हें सबसे पहले नमक-पानी पिलाएं. दरअसल, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इसमें सोडियम होता है जो ब्रेन को एक्टिव रखता है. और बीपी को बढ़ाता है. साथ ही साथ खून को पंप करने का काम भी करता है ताकि शरीर में ब्लड का फ्लो तेज हो. बाद में आप इसमें चीनी और नमक दोनों का घोल भी दे सकते हैं.
गर्म दूध या कॉफी पिलाएं
बीपी को बढ़ाने के लिए गर्म दूध या कॉफी पिलाएं. इससे तुरंत बीपी बढ़ता है. दूध के मल्टीन्यूट्रीएंट्स बीपी बैलेंस करने का काम करता है. कॉफी में कैफीन काफी ज्यादा होता है जो लो बीपी को तुरंत तेजी से बढ़ाता है. अगर आपको लो बीपी के कारण चक्कर आता है तो इन दो चीजों को फॉलो कर सकते हैं. इन सब के अलावा खूब पानी पिएं और खाना खाए. क्योंकि शरीर में भरपूर मात्रा में पोषण, एनर्जी रहेगी तो आप पूरे दिन हाइड्रेट रहेंगे.