विजयादशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन का क्या है महत्व

Update: 2022-10-03 11:07 GMT
दशहरे के दिन हर किसी की आंखें आसमान में कुछ खोजती नजर आती हैं। लोग सुबह से लेकर शाम तक आसमान में एक पक्षी को खोजते हैं। लोगों को जिसकी तलाश होती है, वह पक्षी कोई सामान्य नहीं पक्षी नहीं बल्कि नीलकंठ है। दशहरे के दिन खंजन, यानी नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बड़ा ही शुभ माना जाता है। कहते हैं नीलकंठ पक्षी (Neelkanth bird) के दर्शन से आपके सभी बिगड़े काम सही हो जाते हैं और आपके जीवन में सुख समृद्धि भी आती है।
कहां है नीलकंठ के दर्शन का उल्लेख
तिथितत्व के पृष्ठ 103 में खंजन पक्षी के देखे जाने के बारे में जबकि वृहत्संहिता के अध्याय 45 में खंजन के कब किस दिशा में दिखने से मिलने वाले फल के बारे में विस्तार से बताया गया है।
अगर ना दिखे नीलकंठ तो करें ये काम
आजकल आसमान में पक्षी कम ही दिखने को मिलते हैं। ऐसे में दशहरे के दिन खंजन पक्षी का दिखना थोड़ा कठिन है तो आप ऐसा कर सकते हैं कि उसका चित्र इंटरनेट से डाउनलोड करके उसका दर्शन कर लें।
क्या मिलता है फल
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि दशहरा के दिन अगर आपको नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जायें तो वह अत्यंत ही शुभ है। कहते हैं नीलकंठ पक्षी के दर्शन से आपके सभी बिगड़े काम सही हो जाते हैं और आपके जीवन में सुख समृद्धि भी आती है।
दर्शन होने पर करें इस मंत्र का जाप
दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दिखने पर इस मंत्र से उसे संबोधित करना चाहिए-
''कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्।
शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।।
नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद।
पृथ्वियामवतीर्णोसि खञ्जरीट नमोस्तु तो।।''
अर्थात् खंजन पक्षी, तुम इस पृथ्वी पर आये हो, तुम्हारा गला काला एवं शुभ है, तुम सभी इच्छाओं को देने वाले हो, तुम्हें नमस्कार है।

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