क्या है सत्यानाशी पौधा, जानें इसके बारे में विस्तार से

इसके बारे में विस्तार से

Update: 2023-08-23 09:25 GMT
हमारे आस पास और खासकर पार्क, गार्डन, सड़क के किनारे और ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी होने के कारण ऐसे कई तरह के पेड़, पौधे और फूल खिलते हैं, जिसके बारे में लोगों को पता नहीं होता है। लोगों को उन पेड़ पौधे के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता होता है, तो वे बेकार समझते हैं। ऐसा ही एक पौधा है सत्यानाशी का जिसे लोग बेकार समझते हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि यह कांटेदार पौधा ऐसे ही उग गया होगा, इसे फेंक देना चाहिए नहीं तो किसी को कांटा चुभ सकता है। बता दें कि ये कांटेदार पौधा हमारे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है और गमले में लगाने पर इसके खूबसूरत फूल गमले की शोभा बढ़ाते हैं। चलिए जानते हैं इस पौधे के बारे में कुछ खास बातें।
क्या है सत्यानाशी का पौधा 
सत्यानाशी का पौधा अक्सर खाली जमीन पर उग जाती है। दिखने में बेहद खूबसूरत इस पौधे के कई तरह औषधीय गुण हैं। आमतौर पर यह हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। हालांकि यह आपको सड़क के किनारे या निर्जन स्थानों में देखने को मिल जाएगा। देखने में इस पौधे में बहुत कांटे होते हैं इसके पत्ते, पौधे की डाली और फूलों के आसपास हर कहीं कांटे होते हैं। इसके फूल और फल को तोड़ने के लिए बहुत सावधानी की जरूरत पड़ेगी। इसके फूल पीले रंग के खिलते हैं और अंदर बैंगनी रंग के बीज होते हैं। वैसे तो दूसरे फूल और फल को तोड़ने पर सफेद रंग के दूध निकलते हैं लेकिन सत्यानाशी के पौधे से फूल तोड़ने पर पीले रंग के दूध निकलते हैं। पीले रंग के दूध निकलने के कारण इसे स्वर्णक्षीर भी कहते हैं।
सत्यानाशी के बारे में जानें
सत्यानाशी के पौधे के कई सारे नाम है, आइए जानें इसके बारे में सत्यानाशी के पौधे को उजर कांटा, प्रिकली पॉपी, कटुपर्णी, मैक्सिन पॉपी जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। किसान इसे अक्सर बेकार कचड़े का पौधा समझकर काटकर फेंक देते हैं। लेकिन आयुर्वेद में इसे औषधी की तरह इस्तेमाल कर कई तरह के रोगों का उपचार किया जाता है। सत्यानाशी का पत्ता, फूल, तना, जड़ और छाल सभी बेहद काम के होते हैं।
सत्यानाशी के पौधे को घर पर कैसे लगाएं 
सत्यानाशी का पौधा घर में लगाने से सुंदर कैक्टस के प्लांट का लुक देगा और फूल खिलने पर खूबसूरती बिखेरेगा। सत्यानाशी के पौधे के बीज और छोटे पौधे को लगा सकते हैं। इसके लिए सत्यानाशी के पके हुए बीज लें और मिट्टी में लगाएं। सत्यानाशी के पौधे को लगाने के बाद खास देखभाल की जरूरत नहीं होती है। मिट्टी में आप चाहें तो लगाते वक्त ऑर्गेनिक खाद मिला लें फिर उसे गमले में डालें। आपके पास बीज हो तो बीज से पौधा उगाए नहीं तो उसके छोटे पौधे से भी सत्यानाशी का पौधा घर में लगा सकते हैं। पौधे लगाने के बाद दिन में 2-3 बार पानी डालते रहें और इसे धूप छांव कहीं पर भी रख सकते हैं।
सत्यानाशी पौधे के फायदे 
जिन लोगों को सांस या खांसी की शिकायत अक्सर रहती है वे इसके जड़ को पानी में उबाल कर काढ़े की तरह पी सकते हैं।
पेट दर्द से राहत पाने के लिए सत्यानाशी के दूध में घी मिलाकर पीने से दर्द में आराम मिल सकता है (दूध और घी के फायदे)।
पीलिया के रोगी सत्यानाशी के तेल में गिलोय का जूस मिलाकर पीते हैं तो पीलिया से राहत मिल सकता है।
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