corona virus के डेल्टा वेरिएंट से क्या ज़्यादा ख़तरनाक है स्टेल्थ ओमिक्रॉन, जाने एक क्लिक पर
चीन में इस रिकॉर्ड कोविड के बढ़ते मामलों ने दुनिया भर की चिंता बढ़ा दी है। एक वक्त ऐसा था जब चीन ने कोविड पर काबू पा लेने का दावा किया था और आज देश के बड़े शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है।
चीन में इस रिकॉर्ड कोविड के बढ़ते मामलों ने दुनिया भर की चिंता बढ़ा दी है। एक वक्त ऐसा था जब चीन ने कोविड पर काबू पा लेने का दावा किया था और आज देश के बड़े शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है। चीन ने 'ज़ीरो कोविड स्ट्रेटेजी' के तहत अपने सबसे बड़े शहर शंघाई को 5 दिनों के लिए बंद किया है, ताकि बड़े स्तर पर टेस्टिंग की जा सके।
हेल्थ ऑफिशियल्स का कहना है कि चीन में अचानक बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों के पीछे ओमिक्रॉन वेरिएंट का BA.2 सब-वेरिएंट है, जिसे स्टेल्थ ओमिक्रॉन भी कहा जा रहा है।
BA.2 स्टेल्थ ओमिक्रॉन क्या है?
स्टेल्थ ओमिक्रॉन या फिर कहें BA.2 अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट का ही सब-वेरिएंट है, जिसमें मूल स्ट्रेन से ज़्यादा म्यूटेशन है। शोध में पता चला है कि BA.2 सब-वरिएंट मूल ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना ज़्यादा संक्रामक है। डेनिश रिसर्च के अनुसार, यह मूल ओमिक्रॉन स्ट्रेन की तुलना में 1.5 गुना अधिक पारगम्य है।
क्या यह डेल्टा से ज़्यादा ख़तरनाक है?
डेल्टा कोरोना वायरस का अबतक सबसे ख़तरनाक वेरिएंट साबित हुआ है। यह निचले श्वसन तंत्र पर हमला कर फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा था, जो काफी ख़तरनाक साबित हो रहा था। WHO के अनुसार, डेल्टा से अलग, ओमिक्रॉन और इसके सब-वेरिएंट ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं। यही वजह है कि इससे फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है और निमोनिया, स्वाद और सुगंध का न महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द जैसे लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं।
स्टेल्थ ओमिक्रॉन के लक्षण क्या हैं?
जैसा कि हमने बताया कि ओमिक्रॉन का यह सब-वेरिएंट ऊपरी श्वसन पथ को प्रभावित करता है, लेकिन साथ ही यह पेट से जुड़ी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। इससे संक्रमित होने पर पेट से जुड़े ऐसे लक्षण दिखते हैं:
मतली
दस्त
उल्टी
पेट दर्द
सीने में जलन
पेट फूलना
स्टेल्थ ओमिक्रॉन के अन्य लक्षण:
बुख़ार
काफी ज़्यादा थकावट
खांसी
गले में ख़राश
सिर दर्द
मांसपेशियों में दर्द/कमज़ोरी
दिल की धड़कनों का बढ़ना
मूल ओमिक्रॉन वेरिएंट से कैसे अलग है?
शुरुआती रिसर्च में पाया गया है कि स्टेल्थ ओमिक्रॉन कोरोना वायरस के पिछले वेरिएंट की तुलना जानलेवा नहीं है। अपने मूल वेरिएंट की तरह यह भी गंभीर लक्षणों, अस्पताल में भर्ती या फिर मौत का कारण नहीं बनता है। हालांकि, मूल वेरिएंट से अलग यह RT-PCR टेस्ट के दौरान पकड़ में नहीं आता है। एक्सपर्ट्स का मानना है स्टेल्थ ओमिक्रॉन म्यूटेशन का अभाव है, जो पता लगाने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग है।