अर्थराइटिस क्या हैं, अर्थराइटिस के मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए
कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद कई लोगों की इम्यूनिटी पर भी इसका असर पड़ा है। कई लोगों को जोड़ों के दर्द की दिक्कत भी हो रही है। कई बार लोग जोड़ों के दर्द को बढ़ती उम्र का असर समझ लेते हैं लेकिन असल में वे अर्थराइटिस की बीमारी से जूझ रहे होते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद कई लोगों की इम्यूनिटी पर भी इसका असर पड़ा है। कई लोगों को जोड़ों के दर्द की दिक्कत भी हो रही है। कई बार लोग जोड़ों के दर्द को बढ़ती उम्र का असर समझ लेते हैं लेकिन असल में वे अर्थराइटिस की बीमारी से जूझ रहे होते हैं। अर्थराइटिस या गठिया की बीमारी को लेकर अक्सर लोगों में अवेयरनेस की कमी होती है। अर्थराइटिस में जॉइंट पेन या जोड़ों में बहुत अधिक दर्द और सूजन महसूस होती है। यह दर्द इतना तेज होता है कि लोगों के लिए इसे सह पाना मुश्किल हो जाता है। अर्थराइटिस की बीमारी जॉइंट्स को प्रभावित करती है और इसमें, शरीर की हड्डियों के जोड़ वाले स्थानों पर सूजनऔर दर्द होने लगता है। इसमें. कोहनी और घुटनों के अलावा उंगलियों और कलाइयों में भी दर्द महसूस होता है।
अर्थराइटिस के मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए?
फास्ट फूड
फास्ट फूड, अनाज और बेक्ड फूड जैसे प्रोसेस्ड आइटम में रिफाइंड अनाज, एडेड शुगर, प्रिजर्वेटिव्स और ऐसी चीजें पाई जाती हैं, जो शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करता है।
अल्कोहल
शराब को सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है। अर्थराइटिस की बीमारी में शराब और भी खतरनाक है, इससे घुटनों में दर्द की प्रॉब्लम बढ़ सकती है।
मीट/चिकन/फिश
ज्यादा ओमेगा 6 फैट और कम ओमेगा-3 फैट वाली डाइट ओस्टियोआर्थराइटिस और रयूमेटाइड आर्थराइटिस को और बढ़ाने का काम करते हैं।
नमक
गठिया वाले लोगों के लिए नमक कम खाना चाहिए। झींगा, डिब्बाबंद सूप, पिज्जा,चीज़, प्रोसेस्ड मीट और कई अन्य प्रोसेस्ड फूड में नमक बहुत ज्यादा पाया जाता है।
एजीई
एजीई का मतलब है एडवांस ग्लाइसेशन एंड प्रॉडक्ट (AGE)। ये आमतौर पर अधपके मीट में पाए जाते हैं और कई बार उन्हें पकाने के दौरान बनते हैं। हाई प्रोटीन, मेयोनेज़, हाई फैट एनिमल फूड, जिन्हें फ्राई, रोस्ट, ग्रिल या उबाल कर खाया जाता है, एजीई का सबसे बड़ा डाइटरी सोर्स होता है।